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( १७ ) चन्दनमलजी कोचर पड़ता है । इस समय आपने व्यापार में अच्छी उन्नति की है, चाँदमलजी इस समय जयपुर के प्राचीन तपों के मन्दिर के ट्रस्टी हैं और "श्री जयपुर ज्वेलर्स एसो. सियेशन कलकत्ता के सभापति हैं और आप जयपुर वालों को तन मन धन से यथा शक्ति सहायता पहुँचाते हैं, यह बात किसी जयपुरवासियों से छिपी नहीं हैं और आपके एक पौत्र है जिसका कि नाम शिखरचन्द है। ___ चन्दनमलजी की धर्मपत्नी दौलतबाई के शान पंचमी के उद्यापन निमित यह पुस्तक प्रकाशित करने में आपने पूर्ण सहायता दी है। इसलिये श्रापको धन्यवाद देते हैं। मन्त्री-श्री चारीत्र-स्मारक ग्रन्थमाना,
बीरम गाम, (गुजरात)
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