________________
प्रेमभावना राखो प्राणीपर, पोता समान प्रमाण्या;
-पार उतारोजी.- ॥२॥ साधु जनोना संग न कीधा, अवली उच्चारो वाणी;
-उरमा धारोजी.सद्गुरु शब्दो दीलमां न धार्या, जोग जुक्ति नव जाणी;
-पार उतारोजी.- ॥३॥ एक निरंजन अलखनी खातर, जगसुख आपे त्याग्यां;
-उरमां धारोजी.सद्गुरु सेवा पूर्ण करी तमे, मुक्ति तणां दान माग्यां;
-पार उतारोजी.- ॥४॥ मनोहारी रुडी मूर्ति तमारी, याद अहोनिश आवे.
-उरमा धारोजी.सद्गुरु भावे संभारीने, आंखडली आंसु लावे;
____ -पार उतारोजी.- ॥५॥ अविद्या आवरण दूर कयौं अने, सहज समाधि साधी;
____-उरमां धारोजीअनंत उपकार विश्वजनो पर, प्रजाली पापनी व्याधी;
-पार उतारोजी.- ॥६॥ निवास करजो अम दिलडामां, आशीर्वाद रुडा देजो;
-उरमा धारोजी.ध्यान भजनमां धैर्य आपीने, खरी खबर हवे लेजो;
-पार उतारोजी.- ॥७॥
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com