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________________ ७४ सौम्य वचन सुखकार सर्वगुण उत्तम शोभित ।। पूज्य शिरोमणि सार मुक्तिसागरसूरि सोहे । अतिशयवंत अपार देखी सुर नर मन मोहे ।। विधिपक्षगच्छ प्रतपो अंचल नाम गुण शोभा सदा । कवि क्षमालाभ सुपसायथी सुमति लहे सुखसंपदा ॥१॥ श्री वामेयजिन प्रणम्य भगति श्री सदगुरु सेवित । पूज्य श्री मुक्तिसुरंद विधिगण सर्व जन भावित ।। देश ग्राम सुथान तीर्थ नमत मिथ्यातम वारित । नौतनपुरवर आगत शुभदिन सुमति मन धारित ॥२॥ संवच्छर दिग अष्ठ नंदन गवर ज्येष्ठस्य मासयुतः । शुक्लपक्ष तिथि तृतीया रविसुतवार प्रवेशकृतः ॥ श्राद्ध भक्ति विधायन बहु पर नित्योच्छव शोभितः । शासनवीर प्रभावक रवि सम मुक्तिपद धारितः ॥३॥ संवत १८९९ वर्षे पोष वद ९ भोम श्री अंचलगच्छे पूज्य भट्टारक श्री १०८ श्री मुक्तिसागरसूरीश्वरजी विजयराज्ये श्रीनवानगरमध्ये चतुरमास मुनिमहिमारत्नजी मुनिसुमतिलाभजी मुनि जेसागरजी प्रमुख ठाणा २५ । मुक्तिसागरजी तत् शिष्य धर्मसागरजी तत् भाई गुलाबचंदजी तत् भाई त्रीकमलाल श्रीरस्तु० मुनि प्रतापसागर मुनि कुशलसागर मुनि विनित. सागर मुनि भोजसागरजी मुनि ललितसागर मुनि जिनेन्द्रसागर ला० मुनि जेसागरेण ॥श्रीरस्तु।। (३३२) ॥ सं० १८०४ (? १९०४)ना वर्षे शाके १७७० श्रावण वदी ३ गुरौ श्री मुंबै बंदिरे उस वंसे लघु ज्ञाती नागडा गोत्रे सा० नरसी नाथा भार्या कुंअरबाई तत्पुत्र हीरजी श्री संघनी आज्ञाथी सा० हीरजी नरसी भार्या पूरबाई ई थापना करी ॥ शुभं भयतु ।। (३३) संवत १९०५ माघ सित पंचम्यांम तिथौ सोमवासरे श्री कच्छदेशे नलीनपुर वास्तव्यः श्री अंचलगच्छे उसवंस ज्ञातीय लघुशाखायां । श्री नागडा गोत्रे सा श्री नाथा भारमल्ल तद्भार्या मांकबाई तत्पुत्र पुन्यवंत सा नरसी तद्भार्या द्वौ कुंअरबाई तथा वीरबाई तन्मध्ये कुंअरबाईपुत्र पुन्यसाली सा हीरजी भार्या पुरबाई तथा सा वीरजी भार्या लीलबाई सहिवेन श्रीमदंचलगच्छेश पुज्य भट्टारक श्री श्री श्री १००८ श्री मुक्तिसागरसूरीश्वराणामुपदेशात् श्री (૩૩૨) મુંબઈના શ્રી અનંતનાથજી જિનાલય(ભાતબજાર)ના ગોખમાં મૂકેલી શેઠશ્રી નરશી નાથાની પ્રતિમા ઉપરને લેખ. (૩૩૩) પાલીતાણામાં શેઠશ્રી નરસી નાથાએ બંધાવેલી ધર્મશાળાનો શિલાલેખ. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034742
Book TitleAnchalgacchiya Pratishtha Lekho Part 01 and 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa
PublisherAkhil Bharat Anchalgaccha Vidhipaksha Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1971
Total Pages288
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size37 MB
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