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जैन धर्म पर जगत् प्रसिद्ध सम्मतियां
-->fest१. पंडित राजेन्द्रनाथ (राय प्रपन्नाचार्य ) ने अपनी 'भारत मत दर्पण' नामक पुस्तक के पृष्ठ १० पंक्तीह से १५ में लिखा है कि पूज्यपादबाबू कृष्णनाथ बैनरजी ने अपनी 'जैनिज्यम्' नामकी पुस्तकमें बताया है कि भारतमें पहले चालीस करोड़ जैन थे। उसी मतसे निकलकर बहुत लोगोंके अन्य धर्ममें चले जानेसे उसकी संख्या घट गई। यह जैन धर्म बहुत प्राचीन है । इसके नियम बहुत ही उच्च और उत्तम हैं। इस धर्मसे देशकों भारी लाभ पहुंचा है।
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