________________
( ६७ ) विरोध छोड जाते हैं फिर गोशाल उनके ऊपर अपना कोप कैसे चला सकता था।
२-महावीरस्वामीके पास शीतलेश्या भी थी जिससे उन्होंने कल्पसूत्रके ७३ वें पृष्ठके लेखानुसार कूर्म ग्राममें वैश्यायन तापसीद्वारा गोशाल के ऊपर छोडी गई तेजोलेश्याको शान्त कर दिया था । उसो शीतलेश्यासे श्री महावीर स्वामी गोशालकी छोडी हुई तेजोश्यासे अपने समीपवर्ती दो साधुओंको तथा गोशालको भष्म होनेसे बचाते । कमसे कम अपने ऊपर तो कुछ असर न होने देते । ___ ३-केवलज्ञान हो जानेपर जब भय ( डर ) नष्ट हो जाता है तो आनन्द साधु द्वारा गोशालकी बात सुनकर गोशालके साथ कुछ न बोलनेके लिये महावीर स्वामीने क्यों निषेध करवाया ।
५ - केवलज्ञानीको जब राग द्वेष नहीं रहता तब महावीर स्वामीने अपने कष्टपीडित शरीर के विषयमें साधुओंका रोना सुनकर सिंहमुनि को बुलवा कर उससे अपने १६ वर्षत और जीवित रहनेकी बात क्यों कहीं?
५-जब अल्पज्ञानी साधु को भी प्रेरणा करके अपने लिये विशेष भोजन मावाकर खानेका निषेध है तो फिर सर्वज्ञ, वीतराग महावीर स्वामीने अपने लिये विशेष आहार लानेके लिये सिंह मुनिको रेवतोके घर क्यों भेजा ?.
६ केवलज्ञानधारी महावीरस्वामी सर्वत्र थे. फिर उन्होंने गोशालके भयानक उपसर्गको पहले ही क्यों नहीं जानकर उसका उचित उपाय कराया ? तथा अपने रोग शान्तिका उपाय भी पहले मालूम होगया फिर उसको दूर करनेका भी उपाय पहले से क्यों रहीं किया? __ . भगवान महावीर स्वामीको घातिया कर्म नष्ट हो जानेके कारण अनंतज्ञान, अनंतदर्शन तथा अनंतसुख और अनन्तवीर्य प्राप्त हो गये थे फिर उनको उपसर्ग का दुख क्यों हुआ ? जिसको दूर किये विना उन्हें शान्ति न मिली !
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com