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इन कारणों से बाध्य होकर ही यह ग्रंथ लिखा गया है । जैन धर्म सत्य स्वरूपके जिज्ञासु तथा निष्पक्ष हृदयसे धार्मिक तत्वकी खोज करनेवाले हमारे दिगम्बर तथा श्वेताम्बर सम्मदाय के सज्जन शान्तिपूर्वक इस ग्रंथका अवलोकन करके गुणग्रहण और दोषवर्जन करेंगे ऐसी प्रार्थना तथा आशा है ।
इस ग्रंथके निर्माण में निम्नलिखित ग्रंथोंसे सहायता प्राप्त हुई है।
१ - संशय वदन विदारण
२ - गोम्मटसार
३- घटपाहुड
४- कल्पसूत्र ५- भगवती सूत्र
६- आचारांगसूत्र
७ - प्रवचनसारोद्धार
८- तत्वार्थाधिगमभाष्य
९- तत्व निर्णयप्रासाद
- जैनतत्वादर्श
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( श्वेताम्बरीय )
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११- भगवान् महावीर और महात्मा बुद्ध
१२ - बंगाल विहार प्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक १३ - जैन सिद्धान्त भास्कर
श्री ऐलक पन्नालाल दि० जैन सरस्वती भवनका तथा उसके भूतपूर्व दशम प्रतिमाधारी ब्र० ज्ञानचंदजी प्रबन्धक श्रीमान् पं. नन्दनलालजी वैद्यका भी बहुत आभार है क्योंकि आपकी कृपासे ही भगवती सूत्र, तत्वार्थाधिगमभाष्य (श्वेताम्बर ) ग्रंथों के अवलोकनका सौभाग्य प्राप्त हुआ है। अलीगंज निवासी श्रीमान् बाबू कामताप्रसादजी को भी अनेक धन्यवाद हैं । आपने भी समयपर प्राचीन जैन स्मारक पुस्तक भेजने का कष्ट उठाया था ।
सबसे अधिक सहायता हम [ स्थानीय ! उस स्वर्गीय ( श्रीमान् ला० देवीदासजी गोलच्छके उदारचेता सुपुत्र ) ला० शंभुरामजीकी
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