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संन्यास दीक्षा प्रतिबंधक निबंध समिति
निवेदन.
प्रकरण १ लुं.
प्राथमिक हकीकत. केटलांक वर्षथी जैन धर्मने लगतां अने बीजां केटलांक वर्तमानपत्रोमां एवी
मतलबनी चर्चा उभी थई छे के जैन धर्मना साधुओ वडोदरा राज्यनी धारासभामा
कुमळी वयना बाळकोने फोसलावीने नसाडी भगाडी रजू थयेलो ठराव.
लई जाय छे अने तेमनां माबाप अगर वालीनी संमति मेळव्या वगर तेमने दीक्षा आपी दे छे; तेथी तेमनां माबापनी स्थिति कफोडी थाय छे एटलुज नहीं पण एवी अयोग्य रीते अपाती दीक्षाने लीधे जैन संघ पैकी एवी दीक्षानो ढोकपिछोडो करनारा अने तेनो विरोध करनारा एवा बे पक्ष पडी कजिया, कंकास अने अरसपरस विरुद्ध लागणी उत्पन्न थाय छे अने कोई कोईवार दिवानी फोजदारी न्यायाधिशीमां फरियादो दाखल थवाना प्रसंग पण आवे छे. ते उपरथी एवी अमिष्ट पद्धति बंध थाय अने दीक्षा आपवा नेवी महत्वनी धर्म संबंधी बाबतनुं नियमन रहे एवा हेतुथी वडोदरा राज्यनी धारासभामां वडोदरा विभाग तरफथी चंटायला सभासद रा. रा. लल्लुभाई किशोरभाई पटेले तारीख १९-१२-१९२९ ने रोज नीचे प्रमाणे ठराव चर्चा माटे रजू को हतो:--
" नाहनी उमरमां माणसोने दीक्षा आपी त्यागी बनाववामां आवे छे, तेथी कुमळी वयनां अने काची बुद्धिनां माणसो समजवगर दीक्षा ले छे अने त्यागी बने छे, तेथी घणा प्रसंगे अनर्थ थाय छे. माटे जेनी उमरना २१ वर्ष पुरा थयां न होय तेवा कोई पण माणस, स्त्री अगर पुरुषने संसार त्यागनी दीक्षा आपी शकाय नहीं तथा जेनी उमरना २१ वर्ष पुरा थयां होय पण ३० वर्ष पुरां थयां न होय तेवा माणसने प्रांत फोजदारी न्यायाधिशीनी परवानगी मेळव्या शिवाय संसारत्याग करवानी दीक्षा आपी शकाय नहीं एवं धोरण ठराववा आ धारासमा श्रीमंत सरकारने विनंति करे छे." २. आ ठरावना संबंधमां धारासभाना अध्यक्ष ( नामदार दिवान) साहेबे
खुलासो को हतो के आ ठरावनी तरफेणमा तेमज ठराव पाछो खेची लेवायो.
' विरुद्धमा जूदी जदी संस्थाओ तथा लोको तरफथी मारा उपर संख्याबंध तारो आवेला छे, तेथी आ बाबतमां तपास करी दीक्षा उपर कई
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