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________________ पत्रीमार्गप्रदीपिका । दिक सौर वर्ष ३६५।१५॥३१॥३० ने गजाब्दसंख्या ३० को मुणन किये १०९५७ । ४५५४५।० हुए इनमें जन्मसमयका सावयव अक्षतुल्यका अहर्गण २५१६४८।११।४८१८ युक्त किया २६२६०६।४२।३३।१४ ये वर्षारम्भसमयका सावयव अहर्गण हुआ। अहर्गण २६२६०६ में ७ सातका भाग दिया शेष १ एक बचा, गुरुवारको आदिले गिननेसे शुक्रवार आया, इसलिये शुक्रवारके दिन इष्ट घटी ४२ पल ३३ विपल १८ से वर्ष ३१ इकतीसवां प्रवेश होगा परन्तु किस शकके कौनसे मासकी कौन तिथिमें प्रवेश होगा इसका निश्चय होनेके वास्ते आगे उदाहरण श्लोक ५२।५३ का लिखने हैं___ अहर्गण २६२६०६ को नीचे लिखा २६२६०६ इसमें ३ तीन मिलावे २६२६०९ हुए इनको दो जगे लिखे २६२६०९ इसमें ६९२ छःसौ ब्यानवेका भाग दिया लब्ध ३७९ आये इनको दूसरी जगे लिखे हुए२६२६०९में युक्त किये २६२९८८ हुए इनमें ६३ तिरसठका भाग दिया लब्ध ४१७४ ऊनाह आये । इनको अहर्गण२६२६०६में युक्त किये तो२६६७८० हुए इसमें ३० तीसका भाग दिया शेष २० बचे इनमें १ एक युक्त किया २१ हुए यह वर्षप्रवेशकी विथी हुई अर्थात् २१ इकईसमी तिथिके दिन वर्षप्रवेश होगा २१ इकईसमी तिथि शुक्ल प्रतिपदाको आदिढे गिननेसे कृष्णपक्षकी ६ षष्ठीको आती है इसलिये कृष्णपक्षकी छठके दिन वर्षप्रवेश होगा । और ३० का भाग देनेसे लब्ध ८८९२ आये ये मात्रगण हुआ इस मीचे लिखा ८८९२को दो गुणा किया १७७८४ इसमें छाछठ मिठाये १७४५० हुए इनको दो जगे लिखे १७८५० इसमें ९२८नौ सो अढाईसका भाम दिया लब्ध १९आये ये दूसरी जगे लिखे १७८५० मेंसे हीन किये शेष १७८३१ बचे इनको ६७ सतसठका भाग दिया लब्ध २६६ आये इनको मासगण ८८९२ में से घटाये शेष ८६२६ बचे, इसमें १२ बारहका भाग दिया शेष १० बचे इसलिये चैत्र शुक्ल १ प्रक्पिदाको आदिले मिननेसे माघ शुक्ल प्रविषदातक गत १० मास हुए और माघशुक्ल प्रतिपदाके आगे ११ माघमाख वर्षप्रवेशका मास हुभा और उन्ध बारहका भाम देनसे आये ७१८ उनमें ११.५ युक्त किये १८२३ यह वर्षप्रषेशका शालिवाहनशक हुआ-अर्थात् शक १८२३ में अमांत माष Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034576
Book TitlePatrimarg Pradipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahadev Sharma, Shreenivas Sharma
PublisherKshemraj Krishnadas
Publication Year1851
Total Pages162
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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