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.(६०) पत्रीमार्गप्रदीपिका।
उच्चराश्मिसाधन उदाहरण. अथ चेष्टारश्मिचक्रम् ।
सूर्य १० । १६ । ५३ ॥३९ सूर्य| बु. गु. शु. श.
की नीचराशि ६।१०।०। .
सूर्यमेंसे नीचको हीन करनेसे ६ | २ १५/२३ मध्यम
छःराशिसे अल्पशेष बचता है, इसवास्ते सूर्यमेंसे नीचको हीन किया ४।६। ५३ । ३९ इसकी राशि ४ में एक मिलाया और अंशादिकोंको दोगुणे किये वो ५।१३१४७१८ मूर्यकी उच्चरश्मि हुई। इसी प्रकार शेषग्रहोंकी उच्चरश्मि जाननी चाहिये ।
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मध्य स्पष्ट योगार्ध.
चलोच्च
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१८/१०/०३८/२०२४३४
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