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(७) अपने प्रचार द्वारा अजैनों को जैन धर्म की ओर उन्मुख
करना तथा उनकी इच्छानुसार उनको जैनधर्म में दीक्षित
करने की प्रधान मंत्री से अनुमति लेना । (८) समस्त विश्व में अपने प्रचारकों को भेजना तथा समय
समय पर विश्व के प्राणियों को अहिंसा का संदेश देते ' रहना।
उप-प्रचार मंत्री, निर्वाचन एवं पद त्यागः - सम्मेलन के संविधान के अनुसार ही उप-प्रचार मन्त्री का निर्वाचन होगा तथा इसी संविधान के अनुसार उप-प्रचार मन्त्री पद त्याग भी कर सकेगा। कार्य एवं अधिकार:-सम्मेलन के संविधान के अनुसार उप प्रचार मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे :(१) प्रचार मन्त्री की अनुपस्थिति में प्रचार विभाग से सम्बन्धित
सभी कार्यों का संचालन करना। (२) प्रचार मन्त्री के कार्यों में सहायता प्रदान करना।
प्रकाशन मन्त्री निर्वाचनएवं पदत्यागः-सम्मेलन के संविधान के अनुसार ही प्रकाशन मन्त्री का निर्वाचन होगा तथा इसी संविधान के अनुसार प्रकाशन मंत्री पद त्याग भी कर सकेगा। कार्य एवं अधिकारः-सम्मेलन के संविधान के अनुसार प्रकाशन मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगेः(१) अहिंसा और जैन धर्म से सम्बन्धित सभी प्रकारकी पुस्तकों
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