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[ ३४ ] इस के बाद प्रबन्धकारिणी समिति की बैठक दूसरे दिन 'ब्ल्यु केशल' में दो बजे दिन को बुलाने की घोषणा की गई पश्चात् सभापतिजी ने सभा विसर्जन करने की आज्ञा दी।
पश्चात् सन्ध्या समय पंडालमें अखिल भारतवर्षीय ओसवाल नवयुवक परिषद की बैठक श्रीमान् सेठ भैरूलालजी बम के सभापतित्व में हुई और कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुए और यह निश्चित हुआ की अखिल भारतवर्षीय ओसवाल महासम्मेलन में पास हुए प्रस्ताव नवयुवक गण कार्यरूप में परिणत करने का प्रयत्न करें तथा अस्पृश्यता निवारण के देशव्यापी अन्दोलन के प्रति क्रियात्मक सहयोग करने की प्रतिज्ञा करें। परिषद के मन्त्रीत्व पद का भार जयपुर निवासी श्रीयुत सिद्धराजजी ढड्डा ने अपने ऊपर लेना स्वीकार किया। परिषद की नियमावली आदि तैयार करने के लिये ११ सदस्यों की समिति नियुक्त की गई।
दूसरे दिन सुबह को पंडाल में शिक्षा और व्यवसाय पर ८ से १२ बजे तक अहमदावाद वाले पं० सुखलालजी, बाबू नारायण प्रसादजी मैठ, बी० एस० सी, प्रिन्सपल टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल, जोधपुर, बाबू चतर्भुजजी गहलोत, डी० डी० आर०, एम० आर० ए० • एस०, एम० एल० एस० रिटायर्ड सुपरिटेन्डेन्ट, जोधपुर और साविक असिस्टेन्ट कंसरवेटर, ग्वालियर स्टेट आदि विशेषज्ञों के महत्वपूर्ण भाषण हुए।
स्वागताध्यक्ष श्रीमान् सेठ राजमलजी ललवाणी ने भी कृषि सम्बन्धी अपने अनुभव से बहुत ही मनोरञ्जक व्याख्यान दिया। विशेषज्ञों के भाषण से संतुष्ट होकर सेठ इन्दरचंदजी लूणिया हैदरावाद-निवासो ने व्याख्यानों को छपवा कर जगह २ वितरणार्थ रु० १००) सहायता देने का वचन दिया। ये व्याख्यान प्रकाशित हो कर सम्मेलन के हेड आफिस से वितीर्ण किये गये हैं। किसी सजन को आवश्यकता हो तो वहां से मंगा सकते हैं।
उसी दिन दो पहर १२ बजे पंडाल में ओसवाल महिला परिषद की बैठक हुई जिसमें स्त्रियों ने परदा उठाने, स्त्री शिक्षा प्रचार करने तथा स्वदेशी वस्तु व्यवहार करने का प्रस्ताव पास किया। पश्चात् दिन २ बजे 'ब्ल्यु केसल' में प्रबन्ध कारिणी समिति की बैठक हुई जिसमें सम्मेलन के आय व्यय का हिसाब सुनाया गया और आगामी वर्ष के लिये बजेट तथा सम्मेलनकी कार्यवाही के लिये कुछ नियम बनाये गये।
पश्चात् सभापतिजो, स्वागताध्यक्ष, मन्त्री तथा अन्यान्य कार्यकर्ताओं एवं बाबू गुलाबचन्दजो ढडा आदि उपस्थित सज्जनों के फोटो लिये गये। उस दिन रात्रि को पंडाल में मैजिक लैन्टन के साथ विशेषज्ञों के व्याख्यान भी हुए। उसी रात्रि को सभापतिजी वहां से रवाने हुए। स्टेशन पर स्वयंसेवक गण तथा राय साहब कृष्णलालजी बाफणा, बाबू अक्षयसिंहजी डांगी, बाबू सुगनचंदजी नाहर, बाबू दयालचन्दजी जौहरी आदि उपस्थित थे। सभापतिजी अपने स्वभावसिद्ध नम्रता के साथ सबों को सत्कार करते हुए ट्रेन में सवार हो कर प्रस्थान किया।
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