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________________ [ १२ ] श्रोताओं पर बड़ा ही सुन्दर प्रभाव पड़ा। उस समय पंडाल स्त्री पुरुषों से खचाखच भरा हुआ था। सम्पूर्ण भाषण परिशिष्ट-ख में प्रकाशित किया गया है। भाषण समाप्त होनेपर विषय निर्धारिणी समिति का चुनाव हुआ। जो २ सजन चुने गये उनकी तालिका परिशिष्ट-ग में दी गई है तदन्तर प्रथम दिन की मध्याह्न बैठक का कार्य समाप्त हुआ। उसी दिन रात्रि को साढ़े सात बजे ब्ल्यू कैशल में विषय निर्धारिणी समिति (Subject Committee) की बैठक हुई। सभापतिजो के अस्वस्थ्य रहने के कारण उनके स्थान पर बाबू पूरणचंदजी सामसुखा ने बड़ी योग्यता के साथ काम चलाया। दूसरे दिन प्रातः काल तथा रात्रि को और तीसरे दिन सबेरे उसी स्थान में कार्यक्रमानुसार विषय निर्धारिणी समिति की सभायें होती रहीं और सामसुखाजी उपस्थित रहकर सब काम करते थे। बैठकों में कई प्रस्तावों पर खूब वाद विवाद होता रहा और कुछ परिवर्तन के साथ कई प्रस्ताव सम्मेलन में उपस्थित करने के लिये सर्वसम्मति से स्वीकृत हुए और कुछ प्रस्ताव बहुमत से पास हुए। दूसरे दिन की बैठक द्वितीय दिवस १ बजे से अधिवेशन का कार्य आरम्भ हुआ। पहले मंत्री बाबू अक्षयसिंहजी डांगी ने सम्मेलन से सहानुभूति रखने वाले आचार्य, मुनिराज तथा प्रतिष्ठित सजनों के बाहर से आये हुए तार आदि का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार पढ़ कर सुनाया :(१) आचार्य महाराज श्रीवल्लभविजयजी-मुः सादड़ी ___ "ओसवाल वंशीय समग्र जनता का संगठन और उनका भला किस प्रकार हो सकता है विचार किया जावे, इतना ही नहीं उसका प्रचार भी किया जावे, निर्धारित किया है अतीव हर्ष का विषय है। इसके लिये सबसे पहले संगठन-संघ आपस में मिलने की जरूरत है। जब आप सब सरदारों का शुद्धान्तःकरणपूर्वक संगठन हो जायगा तो फिर आप जिस किसी भी कार्य को करना चाहेंगे बहुत ही जल्दी कर सकेंगे। शासनदेवता आपके हर एक कार्य में सहायता देवें और आप को सम्मेलन में सफलता प्राप्त होवे यही हमारी भावना है।" (२) आवार्य महाराज श्रीजिनचारित्रसूरिजी-मुः बीकानेर ___ "आपलोगों की बड़ी भारी सफलता वा ऐक्यता के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।" (३) मुनि महाराज श्रीचुन्नीलालजी-मुः व्यावर "समयानुसार ओसवाल जाति को सुधार करना चाहिये और संगठन पर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034568
Book TitleOswal Maha Sammelan Pratham Adhiveshan Ajmer Ki Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Sahab Krushnalal Bafna
PublisherRai Sahab Krushnalal Bafna
Publication Year1933
Total Pages86
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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