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. (२) दूसरी कलम-इसरी में रात को हवा खाने जाना फिर १ बजे श्राकर प्रतिक्रमण करना । . (३) कपूरी बाई के साथ शौरीपुर के रास्ते में विहार करना ।
(४) नदी में स्नान करना।
(५) हस्तनापुर में साध्वी के साथ और बाइयों के साथ चौपुर खेलना चौपड़ वगैरह।
(६) फैजाबाद में ४ बजे ( रात्रि में ) पानी बेरना। . (७) उपवास के दिन रात को नौकर को १२ बजे भोजन बनाने को कहना और खाना।
(८) नौकर को पास में बैठा कर फल छोलाना करके खाना । (९) रात को विहार करना। (१०) रात को पडिलेहन करना। . (११) स्त्री के पास पडिलेहन करवानी ।
अभी तो बहुत बात बाकी हैं, केवल अभी मंगलाचरण ही किया है।
द० मु० मुक्तिसागर ।
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