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________________ प्रसिद्ध आचार्य श्रीमद् विजयानंद सृरि ( आत्मारामजी ) महाराजनो बनावेलो अपूर्व ग्रंथ. तत्त्वनिर्णय प्रासाद (३६ स्तंभ. ) श्रीआत्मारामजी, श्रीबूटेरायजी, श्रीवृद्धिचंदजी, श्रीनीतिविजयजी, श्रीखांतिविजयजी, श्रीलक्ष्मीविजयजी (बडे शिष्य ), श्रीकमलविजयसूरि, श्रीवल्लभविजयजी, और शेठ वीरचंद दीपचंद सी. आई. ई, राव बहादूर माणेकचंद, और मगनभाई कपुरचंद, राव बहादूर वसनजी त्रीकमजी, शेठ तलकचंद माणेकचंद, मी. वीरचंद राघवजी गांधी, वगैरहके अमेरिकामें बनें हुवे नीहायत उमदा फोटू और जन्म वृत्तांत रंगीन वंशवृक्ष, प्रस्तावना उपोदघात् ८४ पृष्टका श्री आत्मारामजीका संपूर्ण जीवनचरित्र. सुपररॉयल ८ पेजी, ८८० पृष्ट, ग्लेझ कागज, बडे अधार ( हिंदी ) पक्की जिल्द ( सुनहरी ) किंमत रु. ४. शीघ्रमंगाईये - थोडे पुस्तक रहे हैं. पचीस प्रकार से सृष्टिका ईस ग्रंथमें वेद और देव वर्णन - श्रीवीरद्वात्रिशिका, लोकतत्त्व निर्णय, स्वरूप - वेद के कथनकी विरोधता - वेद ईश्वरकृत नहीं - जैनाचार्योंकी बुद्धिके दृष्टांत - गायत्री - गर्भाधानादि १६ संस्कार–लग्नविधी– जैनमतकी प्राचीनता के नये मजबूत प्रमाण - वेदके पाठोंकी गरवड - मत-दिगंबरीमत—जैनकी बातोंके शंकाका उत्तर, शंकर स्वामि- सप्तभंगीका खंडन और मंडन - सप्तनय, वगैरह हजारों बातोंका वर्णन है—कहांतक लिखाजाय. - बौद्ध महाराज ईस ग्रंथ में अपना ज्ञानका अखूट खजाना छोड गये है. श्रीमाधवाचार्यप्रणीत. सर्वदर्शन संग्रह ग्रंथ. मी० मणीशंकर हरगोविंद भट्ट बी. ए. का किया अनुवाद ( तरजुमा ) पं० मणीलाल नभुभाई ह्रीवेदका विवरण उपोद्घात, चार्वाक, बौद्ध, आर्हत ( जैन ), रामानुज, पूर्ण प्रज्ञ, नकुलीश पाशुपत, शैव, प्रत्यभिज्ञ, रसेश्वर, औलुक्य, अक्षपाद, जैमिनि, पाणिनि, सांख्य और पातंजल दर्शनोंका विस्तार - पूर्वक वर्णन. किंमत रु. ५ जैन कॉन्फरन्सके शुभेच्छकको रु. ३-१२-० हजारों स्वामीभाईके दर्शन–फोटोग्राफ - राजा दीनदयालकेखींचे हुवे, दूसरी जैन कॉन्फरंसके पंजाब, रजपुताना, काठीआवाड, गुजरात, सुरत, दक्षिण, पूर्व और मध्य हिंदुस्थान, बंगाल वगैरह जगहके मुंबई में पधारे हुवे डेलीगेटों ( प्रतिनिधी ) के बडे फोटू - वॉलंटियरों और कमीटीके फोटू - किंमत रुपये दो. दूसरी कॉन्फरन्सके आगेवानके पांच फोटू और जन्मचरित्र, एक आना. श्रीमद् कमलविजय सूरी महाराज, तीसरी कॉन्फरन्सके प्रेसीडंट, चार जनरल सेक्रेटरी, चेरमेन, चीफ सेक्रेटरी, राय बहादूर शोभागमलजी ढड्ढाके फोटू और जन्मचरित्र, दो आना. अमदचंद पी० परमार. नं. ११२ पायधुणी, मुंबई. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034560
Book TitleMumbaima Bharayeli Biji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference Office
PublisherJain Shwetambar Conference Office
Publication Year1904
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size41 MB
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