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* महावीर जीवन प्रभा *
१२. उद्योतन सरि-चौरासी गच्छ के संस्थापक, विद्यादान में अतिकुशल.
१३. वर्धमान मूरि-आचारदिनकरादि ग्रन्थों के कर्ता, शासन सेवा में समर्थ.
१४. जिनेश्वर सूरि-खरतर गच्छ के संस्थापक, अभयदेव सूरि के गुरुवर्य, चारित्र चूड़ामणि.
१५. गंधहस्ति और शिलाङ्काचार्य-ग्यारह अंग सूत्र के समर्थ टीकाकार.
१६. अभयदेवसूरि-नवाङ्गी टीकाकार, तीर्थोदारक और अनेक संस्कृत-प्राकृत ग्रन्थ के रचयिता.
१७. मलयगिरी महाराज-नन्दीसूत्रादि के विस्तृत टीकाकार.
१८. जिनवल्लभसरि-शास्त्रों के पूर्ण विद्वान् , चैत्यवासियों को परास्त करने वाले, शासन के परम मान्य.
१९. युगप्रधान जिनदत्तसूरीश्वर-अनेक विद्याओं के ज्ञाता, १३०००० जन बनाने वाले, एकावतारी दादा गुरुदेव, चार नरेन्द्रों के प्रतिबोधक, संदेह दोहलावली आदि अनेक ग्रन्थों के निर्माता शासन सम्राट्.
२०. हेमचन्द्राचार्य-तीन करोड़ श्लोक के रचयिता, प्रायः हरएक विषय के ग्रन्थ कर्ता, अठारह देशों के
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