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* मोक्ष *
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मर्शयोग्य दलीलें ( Arguments ) पेश की जाती हैं, उनका प्रत्युत्तर भी काफी हो चुका है; अत: पिष्टपेषण कर ग्रन्थ गौरव करने का हमारा इरादा नहीं; पर इतना अवश्य कहेंगे कि मोक्ष लिङ्गानुसार नहीं होता, पर आत्मा के गुणों के आविर्भाव पर ही मुक्ति का अवलम्बन है और उसे प्राप्त करने में स्त्री सब सामग्री संचय कर सकती है। महावीर देव का समानाधिकार हमें यही आदेश करता है और निष्पक्ष बुद्धि भी यही समझाती है। अतः स्त्री का मोक्ष होना नितान्त न्याय युक्त है.
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