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________________ पञ्चम अध्याय । ६६३ गांव सौनल नाँदणी चौहान सं. गोत्र राजपूत वंश कुलदेवी ५४ जुगराज्या कुरुवंशी जुगराज्या ५५ मूलराज्या कुरुवंशी मूलराज्या सौनल ५६ छहड्या कुरुवंशी छाहड्या सौनल ५७ दुकड़ा दुजाल दुकड़ा हमा ५८ गौती दुजाल गौतड़ा हेमा ५९ कुलभाण्या दुजाल कुलभाणी हेमा ६० वौरखंड्या - दुजाल वौरखंडी हेमा ६१ सरपत्या मौहिल सरपती जीणदेवी ६२ चिरडक्या चौहान चिरड़की चक्रेश्वरी ६३ निगर्धा गौड़ निरगद ६४ निरपौल्या गौड़ . निरपाल नांदणी ६५ सरवड्या गौड़ सरवड्या नाँदणी ६६ कड़वड़ा गौड़ कड़वगरी नाँदणी ६७ साँभर्या साँभयों चक्रेश्वरी ६८ हलद्या मौहिल हरलौद जाणिधयाड़ा ६९ सौमगसा गहलौत चौथी ७० बंबा सौदा सिखराय . ७१ चौवाण्या चौहान चौवरत्या चक्रेश्वरी ७२ राजहंस सौढा राजहंस सिखराय ७३ अहंकार्या सौढा . अहंकर सिखण्य ७४ भूसावड्या कुरुवंशी भसवड्या सौनल ७५ मौलसरा सौढा मौलसर सिखराय ७६ भाँगड़ा खोमर भाँगड़ औरल ७७ लौहड्या लौहट लौसलधिया ७८ खेत्रपाल्या दुजाल खेत्रपाल्यौ हेमा ७९ राजभद साँखला राजभदरा सरस्वती ८. भुंवाल्या कछावा मुँवाल जमवाय ८१ जलवाण्या कछावा जलवाणी जमवाय ८२ वेदाल्या ठीमर वनवौडा औरल ८३ लठीवाल सौढा लटवाड़ा श्रीदेवी ८४ निरपाल्या सोरटा निपती अमाणी यह पञ्चम अध्याय का खंडेलवाल जातिवर्णन नामक तीसरा प्रकरण समाप्त हुआ। सौमद बंबाली मौरठा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034525
Book TitleJain Sampraday Shiksha Athva Gruhasthashram Sheelsaubhagya Bhushanmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreepalchandra Yati
PublisherPandurang Jawaji
Publication Year1931
Total Pages754
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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