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४४८
संख्या ।
१
१
२ २
MM 20
३
४
१
२
३
५
५
६
७ ७
अवस्था ।
से
से
से
से
से
जैनसम्प्रदायशिक्षा |
अंग्रेजी मात्रा |
अधिक से अधिक
एक औंस बज़न ।
६ महीनेतक । २४ ग्रेन ।
१२ महीनेतक ।
२ वर्षतक ।
३ वर्षत
।
५ वर्ष तक ।
७ वर्षतक ।
अधिक से अधिक
एक ड्राम वज़न ।
३ ग्रेन ।
५ ग्रेन |
८ ग्रेन ।
९ ग्रेन |
१२ ग्रेन ।
१५ ग्रेन ।
२० ग्रेन ।
२ कपल ।
१ ड्राम
१। ड्राम |
१ ॥ ड्राम |
२ ड्राम |
३ ड्राम |
॥ औंस ।
५ ड्राम |
६ ड्राम ।
१ औंस |
से १० वर्षतक |
८ १०
से १२ वर्षतक |
९ १२
से १५ वर्षतक |
१० १५
से २० वर्षतक |
१ ड्राम !
११ २० से २१ वर्षतक | विशेष सूचना- १ - मात्रा शब्द जिस २ जगह लिखा हो यह समझना चाहिये कि इतनी दवा की मात्रा एक टङ्क (
२- अवस्था के अनुसार दवाइयों की मात्रा का वजन यद्यपि ऊपर लिखा है परन्तु उस में भी ताकतवर और नाताकृत ( कमजोर ) की मात्रा में अधिकता तथा न्यूनता करनी चाहिये तथा स्त्री और मनुष्य की जाति, ऋतु तथा रोग के प्रकार आदि सब बातों का विचार कर दवाकी मात्रा देनी चाहिये ।
॥ ड्राम ।
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अधिक से अधिक एक स्कूपल बज़न ।
१ ग्रेन |
४० ग्रेन |
४५ ग्रेन ।
१ ॥ ग्रेन |
२॥ ग्रेन |
३ ग्रेन |
४ ग्रेन |
५ ग्रेन |
७ ग्रेन |
॥ स्कुल ।
१४ ग्रेन ।
१६ ग्रेन ।
१ स्कुल ।
वहां उसका अर्थ
वख्त ) की है।
३- बालक को ज़हरीली दवा कभी नहीं देनी चाहिये, अफीम मिली हुई दवा भी चार महीने से कम अवस्थावाले बालक को नहीं देनी चाहिये, किन्तु इस से अधिक अवस्थावाले को देनी चाहिये और वह भी विशेष आवश्यकता ही में देनी चाहिये तथा देने के समय किसी विद्वान् वैद्य वा डाक्टर की सम्मति लेकर देनी चाहिये ।
४ - चूर्ण ( फाँकी) की मात्रा अधिक से अधिक दो बाल के अन्दर देनी चाहिये तथा पतली दवा चार आने भर अथवा एक छोटे चमचे भर देनी चाहिये परन्तु उस में दवाई के गुण दोष तथा स्वभाव का विचार अवश्य करना चाहिये ।
१- क्योंकि दवा की शक्ति का सहन करने के लिये शक्ति की आवश्यकता है, इस लिये शक्ति का विचार कर ओषधि की मात्रा में न्यूनाधिकता कर लेनी चाहिये ॥ २- बालक को जहरीली दवा के देने से उस के रुधिर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं जो कि शरीर में सदा के लिये अपना घर बना लेते हैं और शरीर में अनेक हानियां करते हैं ॥ ३- क्योंकि चार महीने से कम अवस्थावाला बालक अफीम मिली हुई दवा की शक्ति का सहन नहीं कर सकता है ।। ४ - विशेष अवस्था में न दे कर प्रायः अथवा नित्य देने से वह उस का अभ्यासी हो जाता है और उस से उस को अनेक हानियां पहुँचती है ॥
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