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तृतीय अध्याय ।
क्योकि वहां की ठंढी हवा उन की मनोवृत्ति और वैषयिक विकार की वृत्तिको उसी ढंग पर रखे हुए है, परन्तु अपने इस गर्म देशमें गर्म खासियत के कारण तथा दूसरे भी कई कारणों से प्रायः १२ वा १४ वर्ष की ही अवस्था में देखा जाता है और ४५ वा ५० वर्ष की अवस्था में इस का होना बन्द हो जाता है, यद्यपि यह दूसरी बात है कि-किन्हीं स्त्रियों को एक वा दो वर्ष आगे पीछे भी आवे तथ एक वा दो वर्ष आगे पीछे वह बन्द होवे परन्तु इस का साधारण नियमित समय वही है जैसा कि ऊपर लिख चुके हैं. इसके आगे पीछे होने के कुछ साधारण हेतु भी देखे वा अनुमान किये जा सकते हैं. जैसे देखो ! परिश्रम करने वाली और उद्योगिनी स्त्रियों की अपेक्षा आलस्य में पड़ी रहने वाली, नाटक आदि तथा नवीन २ रसीली कथाओं की बांचने वाली, प्रेम की बातें करने वाली, इश्कबाज़ स्त्रियों का संग करने वाली, विलम्ब से तथा विना नियम के असमय पर सोने का अभ्यास रखने वाली और मसालेदार तथा उत्तम सरस खुराक खा वाली आदि कई एक स्त्रियों का गर्भाशय शीघ्र ही सतेज होकर उन के रजोदर्शन शीघ्र आया करता है, इसके विरुद्ध ग्रामीण, मेहनत मजूरी करने वाली
और सादा (साधारण ) खुराक खाने वाली आदि साधारण वर्ग की स्त्रियों को पूर्व कही हुई स्त्रियोंकी अपेक्षा ऋतु बिलम्बसे आता है यह भी स्मरण रखना चाहिये कि जिस कदर ऋतु धर्म विलम्बसे होगा उसी कदर स्त्रियों के शरीर का बन्भज विशंप दृढ़ रहेगा और उसको बुढ़ापा भी विलम्बसे आवेगा केवल यही कारण है कि ग्रामों की स्त्रियां शहरों की स्त्रियों की अपेक्षा विशेप मजबूत और कद बर ( ऊंचे कद की) होती हैं।
रक्तस्राव का साधारण समय। स्त्रियों के यह रक्तस्राव साधारण रीतिसे प्रतिमास ३० वें दिन अथवा किन्हीं के २८ वें दिन भी होता है, परन्तु किन्ही स्त्रियों के नियमित रीतिसे तीन अष्टाह ( पटवाड़े ) अर्थात् २४ दिनमें भी होता है, यह रजोदर्शन प्रारम्भ दिवस से लेव.र ३ से ५ दिवस तक देखा जाता है परन्तु कई समयों में कई स्त्रियों के एक वा दो दिवस न्यूनाधिक भी देखा जाता है। .
नियमित रजोदर्शन। स्त्रियों के जब प्रथम रजोदर्शनका प्रारंभ होता है तब वह नियमित नहीं होता है अर्थात् कभी २ कई महीने चढ़ जाते हैं अर्थात् पीछे आता है, इस प्रकार कुछ का तक अनियमित ही रहता है. पीछे नियमित हो जाता है, जिन स्त्रियों के अनियमित समय पर रजोदर्शन आता है उन स्त्रियों के गर्भ रहने का सम्भव नहीं होना है, केवल यही कारण है कि-वंध्या स्त्रियों के यह रजोदर्शन प्रायः अनियमित समय पर होता है, जिन के अनियमित समय पर रजोदर्शन होता है. उन
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