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अणुव्रत, सदाचार और शाकाहार
श्रमण संस्कृति के उन्नायक, प्रभु वर्धमान की अमृतवाणी के वर्तमान उद्बोधक चतुर्थ पट्टाधीश चर्याचक्रवर्ती आचार्य श्री सुनीलसागर महाराज
के गंधीनगर में प्रदत्त प्रवचन
संपादक
डॉ. लोकेश जैन प्रोफेसर - ग्रामीण प्रबंध विभाग प्रबंधन एवं प्रोद्योगिकी संकाय, गूजरात विद्यापीठ, ग्रामीण परिसर- रांधेजा- गांधीनगर (गुजरात )
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एवं जन सांकृति
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महावीर पथ पब्लिकेशन
प्राच्यविद्या एवं जैन संस्कृति संरक्षण संस्थान
लाडनूं (राजस्थान)