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श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र / 89
90/ श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र संलेखना, 99 अतिचारों के समुच्चय का पाठ, अठारह पापस्थान, इच्छामि ठामि, तस्स सव्वस्स का पाठ,
तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना । (ब) श्रावक सूत्र जी की आज्ञा-नवकार मंत्र, करेमि
भंते, चत्तारि मंगलं, इच्छामि ठामि, इच्छाकारेणं, आगमे तिविहे, दंसण समकित, बारह व्रत, बड़ी संलेखना (पालथी लगाकर), अठारह पापस्थान, इच्छामि ठामि, तस्स धम्मस्स, इच्छामि खमासमणो के पाठ से विधिवत् दो बार वन्दना । पाँच पदों की वन्दना-नवकार मंत्र, पाँचों पद, अनन्त चौबीसी, आयरिय उवज्झाए, अढ़ाई द्वीप का पाठ, चौरासी लाख जीवयोनि का पाठ, क्षमापना पाठ, अठारह
पापस्थान, तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना। 7. पाँचवें आवश्यक की आज्ञा-प्रायश्चित्त का पाठ, नवकार
मंत्र, करेमि भंते, इच्छामि ठामि, तस्सउत्तरी, लोगस्स का (सामान्य दिनों में 4, पक्खी को 8. चौमासी को 12 तथा संवत्सरी को 20 लोगस्स का) काउस्सग्ग करें, कायोत्सर्ग शद्धि का पाठ एवं लोगस्स प्रकट में, इच्छामि खमासमणो के पाठ से विधिवत् दो बार वन्दना, तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना। छठे आवश्यक की आज्ञा-समुच्चय पच्चक्खाण का पाठ, प्रतिक्रमण समुच्चय (अन्तिम पाठ), नमोत्थु णं दो बार, तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दना ।
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{45) श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र