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________________ उत्तर उत्तर प्र. 44. आकुट्टी की बुद्धि से मारना किसे कहते हैं ? उत्तर कषायवश निर्दयतापूर्वक प्राणों से रहित करने, मारने की बुद्धि से मारना, आकुट्टी की बुद्धि से मारना कहलाता है। प्र. 45. अतिक्रम, व्यतिक्रम, अतिचार, अनाचार किसे कहते हैं ? अतिक्रम - व्रत की प्रतिज्ञा के विरुद्ध व्रत के उल्लंघन करने के विचार को अतिक्रम कहते हैं। प्र. 46. उत्तर जो प्र. 47. पशु जितने समय तक जितना भार ढो सकता है, उससे भी अधिक समय तक उस पर भार लादना । या जो मनुष्य जितने समय तक जितना कार्य कर सकता है उससे भी अधिक समय तक उससे कार्य कराना, अतिभार है। व्यतिक्रम - व्रत का उल्लंघन करने के लिए कायिकादि व्यापार प्रारम्भ करने को व्यतिक्रम कहते हैं। अतिचार व्रत को भंग करने की सामग्री इकट्ठी करना, व्रत भंग के निकट पहुँच जाना अतिचार है। अनाचार - व्रत का सर्वथा भंग करना अनाचार है। मृषावाद कितने प्रकार का है? मृषावाद दो प्रकार का है-(1) सूक्ष्म और (2) स्थूल। (1) हँसी-मजाक या आमोद-प्रमोद में मामूली सा झूठ बोलने का अनुमोदन करना सूक्ष्म झूठ है (2) कन्या सम्बन्धी, पशु सम्बन्धी, भूमि सम्बन्धी, धरोहर - गिरवी सम्बन्धी झूठी साक्षी देना आदि स्थूल मृषावाद है। रक्षा के लिए झूठी साक्षी देना या नहीं ? {113} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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