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Niyamasāra
नियमसार
गाथा
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विवरीयाभिणिवेसविवज्जियविवरीयाभिणिवेसं परिचत्ता
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सण्णाणं चउभेयं मदिसुदओही समयावलिभेदेण दु दुवियप्पं सम्मत्तणाणचरणे जो भत्तिं कुणइ सम्मत्तस्स णिमित्तं जिणसुत्तं सम्मत्तं सण्णाणं विज्जदि मोक्खस्स सम्मं मे सव्वभूदेसु वेरं मज्झं सव्ववियप्पाभावे अप्पाणं जो दु सव्वे पुराणपुरिसा एवं आवासयं सव्वेसिं गंथाणं चागो णिरवेक्खसंखेज्जासंखेज्जाणंतपदेसा संजमणियमतवेण दु धम्मज्झाणेण सुहअसुहवयणरयणं रायादीभाववारणं सुहमा हवंति खंधा पाओग्गा
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