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इजा मोसं वयणाए, कोहं परियाणइ से निग्गंथे न य कोहणे सियत्ति दुच्चा भावणा । अहावरा तच्चा भावणा-लोभं परियाणइ से निग्गंथे नो अ लोभणए सिया, केवली बूया-लोभ पत्ते लोभी समावइजा मोसं वयणाए, लोभं परियाणइ से निग्गंथे नो य लोभणए सियत्ति तच्चा भावणा । अहावरा चउत्था भावणा-भयं परिजाणइ से निग्गंथे नो भयभीरुए सिया, केवली बूया-भयपत्ते भीरू समावइजा मांसं वयणाए, भयं परिजाणइ से निग्गंथे नो भयभीरुए मिया चउत्था भावणा ४ । अहावरा पंचमा भावणा-हासं परियाणइ से निग्गंथे नो य हासणए सिया, केव० हासपत्ते हासी ममावइजा मोसं वयणाए, हासे परियाणइ से निग्गंथे नो हासणए सियत्ति पंचमी भावणा ५ । एतावता दोच्चे महव्वए सम्म कारण फासिए जाव आणाए आराहिए यावि भवइ दुच्चे भंते ! महव्वए ॥ अहावरं तच्चं भंते ! महव्वयं पञ्चक्खामि सव्वं अदिनादाणं, से गामे वा नगरे वा रन्ने वा अप्पं वा बहुं वा अणुं वा थूलं वा चित्तमंतं वा अचित्तमंतं वा नेव सयं अदिन्नं गिहिजा नेवन्नेहिं अदिनं गिण्हाविजा अदिन्नं अन्नंपि गिण्हतं न समणुजाणिजा जावजीवाए जाव वोसिरामि, तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति, तत्थिमा पढमा भावणा-अणुवीइ मिउग्गहं जाई से निग्गंथे नो अणणुवीइमिउग्गहं जाई से निग्गंथे, केवली बूया-अणणुवीइ मिउग्गहं जाई निग्गंथे अदिन्नं गिण्हेजा, अणुवीइ मिउग्गहं जाई से निग्गंथे नो अणणुवीइ मिउग्गहं जाइत्ति पढमा भावणा २। अहावरा दुच्चा भावणा-अणुन्नविय पाणभोयणभोई से