SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 125
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परदेशी राजाकी चौपाइ।. हुवे थायरे ॥ तुमे ए ॥ वारमवार राणी कहे. परदेशीने बायरे । राणी उपाव करे केसो, ते सुणजो चित्त सायरे ॥ तुम० एएए ॥ एतो पहिलो सगपण पिड तणो, वली बीजो व्रतनो धाररे । तीजा तपसी वैरागोया, करुणा न थाणी लगाररे ॥ तुमे० ५०० ॥ श्रावना व्रत लिधा प, तप तेरा बेसानो कीघरे । एक उण चालीस दिना, राजा जसग नगारा दीधरे ॥ तुमे० १ ॥ दोहा ॥ राय प्रदेशी न जाणीयो, राणी तणु ए कूड । अशनादिकमें मेली', संघले वीषनुं पर ॥२॥ विधिशुं करी बिबामणा, उपर मेव्या थाल । जोजननी तैयारीयां, आबेग नूपाल ॥ ३॥ विविध परे जोजन हुंता, जीमत थाइ सहेर । राय प्रदेशी जाणीयो, राणी दीधो जहेर ॥४॥ जहर उतारण विधि घण), जाणे नूपाल । धीक २ इण संसारने, जीवो केता काल ॥ ५॥ विष निवारण मुदडी, हुती नृपनी पास । परजव उपर मांडीयो, जारे किसी जीवणरी श्राश ॥ ६ ढाल १७ मी बेबे मुनिवर वहोरण पांगुयोरे एदेशी ॥ राजा उठ्यो वेग (१६) For Private and Personal Use Only
SR No.034240
Book TitleJambu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChetanvijay
PublisherGulabkumari Library
Publication Year
Total Pages135
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy