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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परदेशी राजाकी चौपाइ। नवा २ आणेरे, नाचे रुप रसाणेरे, जब लागे राजन हो, शाला सुहामणिरे ॥ ५० ॥ दिन श्रायो उगीरे, नाटक जाय पूगीरे, लोग लागा ठिकाणेरे, नट लाग्या आपण कामेरे, दिनरी तो सागे हो, शाला अशोजतीरे ॥ ५१ ॥ राते जाग्या हुतारे, ते पडिने सूतारे, मुख काजल रेखारे, आंख्या गीडज दीखेरे, शुन्य दीखे नट शाला हो, लोक अशोजतारे॥ ५५ ॥ लाटा धान गाहिजरे, खाजेने दिजेरे, उपजे धान ज्यादोरे, ढेर कियो अगाधोरे, जब जादोरे लाटा हो, चेल लागी रहेजी ॥ ५३ ॥ धूरने वले वोहरारे, मिलिया गोर गेरारे, हाकम ने लुटारारे, जाच. कादिक सारारे, वणजारा सोदागर हो, सेणा जोमीयारे ॥ ५४ ॥ चोधरी पटवारीरे, तुषायत श्रीडारीरे, काय थकी चुंगोरे, केश लेता तुगीरे, जष लागे रमणिक हो, लाटा चेलसुरे ॥ ५५ ॥ लाटाकुं तोलि आयारे, ठिकाणे लगायारे, जीडज , गश्नागीरे, रेत उडवा लागीरे, अरमणिक लागे हो, लाटा अशोजतारे ॥ ५६ ॥ हिवे बारे काकोरे, वराग्य जे ताजोरे, धर्म पायो रसीलोरे, For Private and Personal Use Only
SR No.034240
Book TitleJambu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChetanvijay
PublisherGulabkumari Library
Publication Year
Total Pages135
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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