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kar.mexamDexamekas,ceras,gelar,mexas,canas.co ॐ सम्राट अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरू हीरविजयसूरिश्वरजी म. सा.
के पट्टधर विजयसेनसूरिजीने अकबर की सभामें शास्त्रों की चर्चा करने आये हुये ३६६ ब्राह्मण वादीओ को वाद में हराया । जिससे अकबर ने भर सभा में विजयसेनसूरिजी को 'सवाई हीरला बिरूद दिया था । तब से विजयसेनसूरि 'सवाई' विशेषणसे पहचाने जाने लगे।
ॐ तपागच्छाचार्य हीरविजयसूरीजी को वि.सं. १६४० में फतेहपुर में
सम्राट अकबरने जब जगद्गुरू की उपाधि दी. तब इस महोत्सव में स्वयं अकबर ने एक करोड रू. खर्च किये थे । इस महोत्सव दौरान हीरविजयसूरिजी की स्तुति गान करनेवाले भाटचरण को
एक लाख रू. दिये थे। ॐ हीरविजयसूरिजीने जब दीक्षा ली थी, उस समय उनके साथ
अमीपाल, (पिता) अमरसिंह, (बेन) कपूरा माता, धर्मशीऋषि, रूडोऋषि, विजयहर्ष और कनकश्री इस तरह आठ लोगों ने दीक्षा ली थी।
ॐ मुनिश्री हीरहर्ष' के आचार्य पद का महोत्सव, रणकपुर के निर्माता
धरणाशाह के वंशज चांगा संधपति ने किया था (जो दुदाराजा का मंत्री था) इस दिन दुदाराजाने अपने राज्य में सभी जगह अहिंसा का पालन करवाया था और हर महिने की दशम के दिन समस्त
राज्य में अहिंसा पालन की उद्घोषणा की थी। DISEDICTIBETIRIDGDISSORDSHEEPROSTISEMEGHADARIDGHODSRIDGETHEROID
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