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इस पुस्तक छपाने में जिन महानुभावोंने साहाय - ता दी है उनका यह संस्था सहर्ष उपकार मानती है और धन्यवाद देती है ।
१००) शा. हीराचन्दजी फूलचन्दजी कोचर - मु० फलोबी. १००) मुताजी गीशुलालजी चन्दन मलजी - मु० पीसांगण. ८४१) सं. १६७६ के सुपनों कि आवादांनी का.
शेष खरचा श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला ऑफीस फलोधी दीया गया है.
भावनगर — धी आनंद प्रिन्टींग प्रेसमां शाह गुलाबचंद लल्लुभाइ ए छाप्युं.