SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 371
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३) ११] अनुबन्धः ३२९ मनिपगसरि, निमपगसरि, पनिमगसरि, निपमगसरि,००० रिंगमपनिस, गरिमपनिस, रिमगपनिस, मरिगपनिस, गमरिपनिस, मगरिपनिस, रिगपमनिस, गरिपमनिस, रिपगमनिस, परिगमनिस,1° गपरिमनिस, पगरिमनिस, रिमपगनिस, मरिपगनिस, रिपमगनिस, परिमगनिस, मपरिगनिस, पमग्गिनिस, गमपरिनिस, मगपरिनिस, गपमरिनिस, पगमरिनिस, मपगरिनिस, पमगरिनिस, रिंगमनिपस, गरिमनिपस, रिमगनिपस, मरिगनिपस, गमरिनिपस, मगरिनिपस, रिगनिमपस, गरिनिमपस, रिनिगमपस, निरिगमपस, गनिरिमपस, निगरिमपस, रिमनिगपस, मरिनिगपस, रिनिमगपस, निरिमगपस, मनिरिगपस, निमरिगपस, गमनिरिपस, मगनिरिपस, गनिमरिपस, निगमरिपस, मनिगरिपस, निमगरिपस, रिंगपनिमस, गरिपनिमस,5° रिपगनिमस, परिगनिमस, गपरिनिमस, पगरिनिमस, रिगनिपमस, गरिनिपमस, रिनिगपमस, निरिगपमस, गनिरिपमस, निगरिपमस, रिपनिगमस, परिनिगमस, रिनिपगमस, निरिपगमस, पनिरिगमस, निपरिगमस, गपनिरिमस, पगनिरिमस, गनिपरिमस, निगपरिमस,' पनिगरिमस, निपगरिमस, रिमपनिगस, मरिपनिगस, रिपमनिगस, परिमनिगस, मपरिनिगस, पमरिनिगस, रिमनिपगस, मरिनिपगस, रिनिमपगस, निरिमपगस, मनिरिपगस, निमरिपगस, रिपनिमगस, परिनिमगस, रिनिपमगस, निरिपमगस, पनिरिमगस, निपरिमगस,°० मपनिरिगस, पमनिरिगस, मनिपरिगस, निमपरिगस, पनिमरिगस, निपमरिगस, गमपनिरिस, मगपनिरिस, गपम निरिस, पगमनिरिस,०० मपगनिरिस, पमगनिरिस, गमनिपरिस, मगनिपरिस, गनिमपरिस, निगमपरिस, मनिगपरिस, निमगपरिस, गपनिमरिस, पगनिमरिस, गनिपमरिस, निगपमरिस, पनिगमरिस, निपगमरिस, मपनिगरिस, पमनिगरिस, मनिपगरिस, निमपगरिस, पनिमगरिस, निपमगरिस.१० (३) सरिगमधनि, रिसगमधनि, सगरिमधनि, गसरिमधनि, रिगसमधनि, गरिसमधनि, सरिमगधनि, रिसमगधनि, समरिगधनि, मसरिगधनि,' रिमसगधनि, 42 Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy