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________________ ३२४ संगीतरत्नाकरः [षा० (१) ६२७रिमगधपस, मरिगधपस, गमरिधपस, मगरिधपस, रिंगधमपस, गरिधमपस, रिधगमपस, धरिगमपस, गधरिमपस, धगरिमपस, रिमधगपस, मरिधगपस, रिधमगपस, धरिमगपस, ° मधरिगपस, धमरिगपस, गमधरिपस, मगधरिपस, गधमरिपस, धगमरिपस, मधगरिपस, धमगरिपस, रिगपधमस, गरिपधमस, रिपगधमस, परिगधमस, गपरिधमस, पगरिधमस, रिंगधपमस, गरिधपमस, रिधगपमस, धरिगपमस, गधरिपमस, धगरिपमस, ° रिपधगमस, परिधगमस, रिधपगमस, धरिपगमस, पधरिगमस, धपरिगमस, गपधरिमस, पगधरिमस, गधपरिमस, धगपरिमस,'° पधगरिमस, धपगरिमस, रिमपधगस, मरिपधगस, रिपमधगस, परिमधगस, मपरिधगस, पमरिधगस, रिमधपगस, मरिधपगस, रिधमपगस, धरिमपगस, मधरिपगस, धमरिपगस, रिपधमगस, परिधमगस, रिधपमगस, धरिपमगस, पधरिमगस, धपरिमगस,°° मपरिगस, पमधरिगस, मधपरिगस, धमपरिगस, पधमरिगस, धपमरिगस, गमपधरिस, मगपधरिस, गपमधरिस, पगमधरिस,०° मपगधरिस, पमगधरिस, गमधपरिस, मगधपरिस, गधमपरिस, धगमपरिस, मधगपरिस, धमगपरिस, गपधमरिस, पगधमरिस, गधपमरिस, धगपमरिस, पधगमरिस, धपगमरिस, मपधगरिस, पमधगरिस, मधपगरिस, धमपगरिस, पधमगरिस, धपमगरिस.२० (२) सरिगमपनि, रिसगमपनि, सगरिमपनि, गसरिमपनि, रिगसमपनि, गरिसमपनि, सरिमगपनि, रिसमगपनि, समरिगपनि, मसरिगपनि,' रिमसगपनि, मरिसगपनि, सगमरिपनि, गसमरिपनि, समगरिपनि, मसगरिपनि, गमसरिपनि, मगसरिपनि, रिगमसपनि, गरिमसपनि,२० रिमगसपनि, मरिगसपनि, गमरिसपनि, मगरिसपनि, सरिगपमनि, रिसगपमनि, सगरिपमनि, गसरिपमनि, रिगसपमनि, गरिसपमनि,° सरिपगमनि, रिसपगमनि, सपरिगमनि, पसरिगमनि, रिपसगमनि, परिसगमनि, सगपरिमनि, गसपरिमनि, सपगरिमनि, पसगरिमनि,° गपसरिमनि, पगसरिमनि, रिंगपसमनि, गरिपसमनि, रिपगसमनि, परिगसमनि, गपरिसमनि, पगरिसमनि, सरिमपगनि, रिसमपगनि, समरिपगनि, मसरिपगनि, रिमसपगनि, मरिसपगनि, सरिपमगनि, रिसपमगनि, 111111111111 Scanned by Gitarth Ganga Research Institute
SR No.034227
Book TitleSangit Ratnakar Part 01 Kalanidhi Sudhakara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSarangdev, Kalinatha, Simhabhupala
PublisherAdyar Library
Publication Year1943
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size220 MB
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