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सकते हैं, परन्तु उसके बाद वे किसी भी एक दिशा में ही आगे जा सकते हैं, प्रदक्षिणा नहीं दे सकते, क्योंकि उनमें उस प्रकार के प्रयोजन का अभाव रहता है । ऐसा सम्भव है । प्रश्न २८:-लवगण समुद्र के कितने प्रमाण वाले मत्स्य जम्बू द्वीप
में जगती के छिद्र द्वारा प्रवेश करते हैं। उत्तर :-- नव योजन प्रमाण वाले मत्स्य ही जम्बू द्वीप में प्रवेश
कर सकते हैं।
श्री समवा यांग सूत्र की वृत्ति के नवमें स्थान में "नवजोयरिणया मच्छा" ऐसा कहा है। इसीलिये इस प्रमाण के आधार पर नवयोजन लम्बे शरीर को धारण करने वाले मत्स्य ही जम्बू द्वीप में प्रवेश करते हैं । यद्यपि लवण समुद्र में पाँचसौ योजन लम्बे शरीर वाले मत्स्य भी होते हैं तथापि नदी के मुखों में जगती के छिद्रों के अनुपात से तो इतने ही ( नवयोजन
प्रमाण वाले ही ) प्रवेश कर सकते हैं। प्रश्न २६:-युगलियों को तीन पल्ल्योपम से अधिक उत्कृष्ट
स्थिति अनेक शास्त्रों में सुनी जाती है, परन्तु जघन्य
स्थिति भी कहीं है या नहीं ? उत्तरः-पागम में दोनों प्रकार की स्थिति कही है। उत्कृष्ट
अवगाहन वाले मनुष्य तीन गाउकी ऊँचाई वाले होते हैं । उनकी जघन्य स्थिति न्यून तीन पल्योपम को होती हे और उत्कृष्ट स्थिति सम्पूर्ण तीन पल्योयम की
हो तो है। .. जीवाभिगम सूत्र में भी इसी प्रकार कहा है :--
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