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श्री जिनलाभ सूरिजी आदि सद्गुरुत्रों की कृपा से श्री क्षमा कल्याण गरिणजी रचित प्रश्नोत्तर सार्धशतक का उत्तरार्ध भाग परिपूर्ण हुआ ।
किसी भी कारण से इस में कोई दोष रह गया हो तो विद्वज्जन इस में संशोधन कर लेवें ।
प्रश्नोत्तर सार्धशतक का उत्तरार्ध भाग समाप्त ।
Aho ! Shrutgyanam