________________
१८४७ माघ वदि २ पावापुरी यात्रा स्तवन १८४७ माधव सुदि ५ महाजन टोलो, पार्श्व स्तवन १८४७ विजय दसमो महिमापुर, थावच्चा चौपई
श्रु० बहल ११ मकसूदाबाद, सुक्त रत्नावली १८४८ चे. सुदि पाडलोपुर तीर्थयात्रा स्तव श्लो॰ ३२ १८४८ पाडलीपुर, स्थूलभद्र थापना सझाय गाथा १३ १८४८ कातो वदो ५ पटना, अमृत धर्म क्षमाकल्याण १८४८ पो. सुदि १५ पावापुरी हरजीलाल मूलचन्द
सह यात्रा स्तवन १८४८ विपूलाचंल अहमता स्थापना सयुक्त ७
१८५० माघ सुदि १, बीकानेर पत्र , १८५० भादवा वदि ५, बीकानेर ,
१८५० नभ सुदि ७, बीकानेर, जीव विचार वृति
१८५१ असाढ वदि २ जेसलमेर के लिये आदेश पत्र , १८५२ नभ सुदि ११, जेसलमेर, गौतमीय काव्य टीका ॥ १८५३ श्रावण सुदि १, बीकानेर पत्र , १८५३ वैशाख वदि १२, बीकानेर, प्रश्नोतर सार्द्ध
शतक भाषा ,, १८५४ मिगसर सुदि ६, गिरनारस्तव, घाणेराव
संघ सह , १८५४ चैत्र सुदि ८. शत्रुजय स्तवन
१८५४ आ० सुदि ३, पाली तारणा, अम्बड चरित्र १८५५ भादवा सुदि ११, सूरत पत्र
१८५५ फागण वदि १२ श्रीपुर अंतरिक्ष स्तवन , १८५६ जेठ सुदि १३, नागपुर, चैत्य वंदन चौवीसी ॥ १८५६ भादवा सुदि १५, नागपुर से वाचक क्षमा
कल्याणजी का पत्र ।
Aho! Shrutgyanam