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अनुपयोगी वृक्ष की कहानी
एक दिन एक व्यक्ति ने च्यांग-त्जु से कहा "मेरे घर के आँगन में एक बहुत बड़ा वृक्ष है जो बिल्कुल ही बेकार है। इसका तना इतना कठोर और ऐंठा हुआ है कि कोई भी लकड़हारा या बढ़ई उसे काट नहीं सकता। उसकी शाखाएं इतनी मुडी हुई हैं कि उनसे औजारों के लिए हत्थे नहीं बनाये जा सकते। ऐसे वृक्ष के होने से क्या लाभ?"
च्वांग-त्जु ने कहा क्या तुमने नदी में उछलने वाली मछलियाँ देखी हैं? वे बहुत छोटी और चंचल होती हैं। जल की सतह पर उड़ते कीडों और टिड्डों को देखते ही वे लपक कर उन्हें अपना शिकार बना लेती हैं। लेकिन ऐसी मछलियाँ ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहतीं। या तो वे जाल में फंस जाती हैं या दूसरी मछलियों द्वारा मारी जाती हैं। वहीं दूसरी और याक कितना बड़ा और बेढब जानवर है। वह न तो खेत में काम करता है न ही कोई और काम अच्छे से कर पता है। लेकिन याक बहुत लंबा जीते हैं। तुम्हारा वृक्ष इतना अनुपयोगी होने के कारण ही इतने लंबे समय से खड़ा है। उसकी शाखाओं के नीचे बैठकर उसका ध्यान करो। "
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