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प्राक्कथन
'जेन कथा' ब्लॉग मैंने वर्ष अक्टूबर 2008 में बनाया था. हिंदी में ब्लॉगिंग संभव और सरल है, इसका पता मुझे बहुत देर से चला. अभी भी हिंदी ब्लॉगिंग अपने शैशवकाल में है और इसमें अपार संभावनाएं हैं.
संभवतः 'ज़ेन कथा' जैसा कोई दूसरा हिंदी ब्लॉग नहीं है. इसे पाठकों का अपार स्नेह मिला है. मात्र छः महीनों की अल्प अवधि में ही इसमें लगभग 150 नैतिक कथाएं, प्रेरक प्रसंग व लेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं. इस ई-बुक में दिनांक 25 अपैल 2009 तक की सामग्री है. नवीनतम सामग्री पढ़ने/देखने के लिए कृपया ब्लॉग पर पधारें. 'ज़ेन कथा' ब्लॉग का पता है:http://zen-katha.blogspot.com
मेरे ब्लॉग की समस्त सामग्री विभिन्न स्रोतों से लेकर 'क्रियेटिव कॉमन्स लायसेंस' के तहत अनूदित व संपादित की गई है. ज्ञान की इस सामग्री पर कोई कॉपीराइट संभव नहीं है. जहां कहीं मैंने किसी की पुस्तक या ब्लॉग से कुछ साभार लिया है, उसका उल्लेख कर दिया गया है.
पाठकों को यह स्वतंत्रता है कि वे इस ई-बुक का आदर करते हुए इसकी सामग्री का जैसे चाहें वैसे उपयोग करें, इसके लिये मेरा आभार व्यक्त करने की बाध्यता नहीं है. अपने ब्लॉग पर मैं सर्वाधिकार पहले ही समर्पित कर चुका हूँ.
इस ई-बुक में ब्लॉग की सामग्री उसी क्रम में दी गई है जिस क्रम में उसे ब्लॉग में पोस्ट किया गया था.
मेरा परिचय पुस्तक के अंत में दिया गया है.
आशा है आपको मेरा यह प्रयास पसंद आएगा.
"सबका मंगल हो"