________________
श्रमण सूक्त
( ३८
)
meas
पडिकुट्टकुलं न पविसे
मामग परिवज्जए। अचियत्तकुल न पविसे चियत्तं पविसे कुल।।
(दस ५ (१) : १७)
मुनि निदित कुल मे प्रवेश न करे। मामक (गृहस्वामी द्वारा प्रवेश निषिद्ध हो) उस का परिवर्जन करे। अप्रीतिकर कुल मे प्रवेश न करे. प्रीतिकर कुल मे प्रवेश करे।
onuman
-
-
-
-