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अ-प्रतिरोध
ग्राम अधिकारी और दो पुलिस के सिपाहियो के साथ वापस लौटा । श्रीभगवान् अव भी उत्तरी शाला मे बैठे हुए थे और अपने भक्तो से आध्यात्मिक विपयो पर चर्चा कर रहे थे। पुलिस के सिपाहियो ने श्रीभगवान् से घटना के सम्बन्ध मे पूछा और उन्होने केवल इतना ही कहा कि कुछ मूख आदमी आश्रम मे घुस आये थे, जब उनके हाथ कुछ नही लगा तव वह निराश होकर चले गये। पुलिस वालो ने इसे दज कर लिया और वह ग्राम अधिकारी के साथ वापस चले गये। मुनिस्वामी उनके पीछे दौडता हुमा गया और उसने कहा कि चोरो ने स्वामी को तथा अन्य भक्तो को पीटा है। प्रात काल सर्कल इस्पैक्टर, सव-इस्पैक्टर और एक हैड कास्टेवल जांच-पड़ताल करने के लिए आये और बाद मे डिप्टी सुपरिण्टेण्डेण्ट पुलिस आये । श्रीभगवान् ने किसी से भी अपनी चोट या चोरी का, जब तक कि उनसे इस बारे मे पूछताछ नही की गयी, जिक्र नहीं किया। कुछ दिन बाद कुछ चुराई गई चीजें मिल गयी, चोर पकड लिये गये और उन्हें सजा हो गयी।