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अरुणाचल के अवतार
भगवान् श्री रमण महपि इस शताब्दी के भारतवप के अग्रणी आध्यात्मिक गुरु समझे जाते हैं । उनकी शिक्षाएं मवथा व्यावहारिक हैं। जिस ज्ञानयोग की वे शिक्षा देते हैं और जिसका वे जीवन मे आचरण करते हैं, वह ससार का सर्वथा परित्याग करने या उससे विमुख होने के लिए नही कहता । वह निरन्तर आन्तरिक जिज्ञासा पर बल देता | 'मैं कौन हूँ?' - जो व्यक्ति इस रहस्य को जान जाता है, वह मुक्त हो जाता है । उनकी शिक्षा पूर्वी या पश्चिमी सभी जीवन पद्धतियों के लिए उपयुक्त हैं, इसलिए वे सभी मतावलम्बियो मे लोकप्रिय हुए हैं ।
प्रस्तुत पुस्तक के अग्रेज़ लेखक श्री आथर आसबोन ने न केवल उस महर्षि के जीवन और शिक्षाओ को अकित किया है, अपितु एक पाश्चात्य के दृष्टिकोण से भारत मे आध्यात्मिक जीवन की सुन्दर झाँकी यहाँ प्रस्तुत की है । मादगी और आध्यात्मिकता के वातावरण से ओतप्रोत भारतीय आश्रम का सजीव चित्र उन्होने खीचा है । अरुणाचल की पवित्र पहाडी पर महर्षि के जीवन के विभिन्न पक्षो का उन्होने ऐसा यथार्थ चित्रण किया है कि पाठक पर महर्षि के व्यक्तित्व का अमिट प्रभाव पडे बिना नही रह सकता ।