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भय से कोई मदद मिलने वाली नहीं है। भय का अर्थ है, अज्ञात का भय। भय का अर्थ है, मृत्यु का भय। भय का अर्थ है, स्वयं के अस्तित्व के खो जाने का भय।
लेकिन अगर तुम सच में ही जीवंत रहना चाहते हो, तो अपने अस्तित्व के खोए जाने की संभावना को स्वीकार कर लेना। अज्ञात की असुरक्षा को, जो कि अपरिचित और अनजानी है, असुविधा और कष्ट को स्वीकार करना होगा। उर्स आनंद के लिए जो इतनी तकलीफों और कष्टों के बावजद भी आ जाता है, कुछ मूल्य तो चुकाना ही होगा। और बिना मूल्य चुकाए कुछ भी उपलब्ध नहीं होता है। उसके लिए मूल्य तो चुकाना ही होगा, अन्यथा तो भय के मारे सदा पंगु ही बने रहोगे, और इस भय में ही पूरा जीवन समाप्त हो जाएगा।
जो कुछ भी तुम्हारी अंतर अनुभूति हो उसी का आनंद मनाओ।
'मुझे लगता है इस तरह इतना कमजोर हो जाऊंगा कि इस संसार में जीना कठिन हो जाएगा।'
कोई जरूरत भी नहीं है। यह तुम्हारे भीतर का भय बोल रहा है। भय और ज्यादा भय को निर्मित कर रहा है। भय से और ज्यादा भय जन्मता है।
'......क्या अस्तित्व म्झे सम्हाल लेगा?'
फिर से भय ही आश्वासन और सुरक्षा की मांग कर रहा है। यहां पर है कौन जो तुम्हें गारंटी देगा? कौन तुम्हें जीवन की गारंटी दे सकता है? तुम एक तरह की सुरक्षा की मल कर रहे हो। नहीं, ऐसी कोई संभावना नहीं है। अस्तित्व में कुछ भी सुरक्षित नहीं है -कुछ सुरक्षित हो भी नहीं सकता। और यह अच्छा भी है। अन्यथा, अगर अस्तित्व सुरक्षा की गारंटी दे दे, तो तुम पहले से ही ढीले –ढाले जी रहे हो, फिर तो तुम एकदम ही ढीले हो जाओगे। तब तेज हवाओं में जैसे कोई सुकुमार, कोमल पत्ता आनंदित होकर नाचता है, झूमता है, वह पूरी की पूरी पुलक और रोमांच ही समाप्त हो जाएगा। जीवन सुंदर है, क्योंकि असुरक्षित है। जीवन सुंदर है, क्योंकि उसमें मृत्यु विद्यमान है। जीवन इसीलिए सुंदर है, क्योंकि वह खो भी सकता है। अगर जीवन खो नहीं सकता हो, तो फिर वह भी परतंत्रता हो जाता, तब जीवन भी एक कारागृह बन जाता। तब तुम जीवन से भी आनंदित नहीं हो सकोगे। अगर तुम्हें आनंदित होने की भी जबर्दस्ती हो, तुम्हें स्वतंत्रता भी जबर्दस्ती दे दी जाए, तो आनंद और स्वतंत्रता दोनों ही खो जाते हैं।
'.....जब मैं अपने को अस्तित्व के हाथों में छोड़ दूंगा, तो क्या अस्तित्व मेरी रक्षा करेगा?'
प्रयास करके देखना। मैं तुमको केवल एक ही बात कह सकता हूं. ध्यान रहे, मैं तुम्हारे भय के लिए नहीं बोल रहा हूं। मैं तो तुमको केवल एक ही बात कह सकता हूं जिन-जिन लोगों ने अपने के। आसतित्व के हाथों में छोड़ा है उन्होंने पाया है कि अस्तित्व बचाता है। लेकिन मैं तुम्हारे भय की