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मैंने
सुना है एक बार ऐसा हुआ
मुल्ला नसरुद्दीन एक खेत में गया और वहां पर जाकर उसने अपना झोला खरबूजों से भर लिया । जब मुल्ला खेत से बाहर आ रहा था कि इतने में मालिक आ पहुंचा।
,
मुल्ला ने सफाई देते हुए कहा, 'मैं यहां से गुजर रहा था, तभी अचानक तेज हवाएं चलीं और उन हवाओं ने मुझे उड़ाकर इस खेत में डाल दिया।'
मालिक ने पूछा, 'खरबूजों के बारे में क्या कहना है?'
'हवा इतनी तेज थी श्रीमान कि मेरे हाथ जो भी चीज लगी मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। और इसी कारण खरबूजे उखड़ गए हैं।'
'लेकिन इन खरबूजों
मुल्ला
को तुम्हारे झोले में किसने डाल दिया है?'
ने कहा, 'सच सच बता दूं। मैं खुद भी हैरान हूं कि आखिर ऐसे –
हुआ
कैसे।'
यही हालत हम सब की है। हम यहां कैसे आए? क्यों आए? किसने हमें झोले में डाल दिया ? हर कोई चकित है।
लोग कहते हैं, दर्शन –शास्त्र विस्मय से निर्मित हुआ है। लेकिन हमेशा विस्मय में ही मत जीए चले जाना, अन्यथा विस्मय भी एक तरह की भटकन हो जाएगी। फिर कभी पहुंचना नहीं हो सकेगा। विस्मित होते जाने से बेहतर है कुछ करने का प्रयास करना । तुम यहां पर हो, इतना तो सुनिश्चित है। तुम इस बात के प्रति सचेत हो कि तुम हो, इतना भी सुनिश्चित है अब ये दो बातें योग के प्रयोगों के लिए पर्याप्त हैं। तुम हो तुम्हारा अस्तित्व है। इस बात के प्रति तुम सचेत हो कि तुम्हारा अस्तित्व है और तुम्हारे भीतर चेतना का अस्तित्व है। यह दो बातें योग के प्रयोगों के लिए, अपने जीवन को प्रयोगशाला बना देने के लिए पर्याप्त हैं।
योग को कार्य करने के लिए कृत्रिम और जटिल चीजें नहीं चाहिए। योग सरलतम है योग के लिए दो बातें पर्याप्त हैं कि तुम हो और तुम्हारी जागरूकता है। यह दोनों बातें तुम में हैं, प्रत्येक व्यक्ति के पास यह दोनों बातें हैं। किसी भी व्यक्ति में इन दोनों की कमी नहीं है तुम्हारे पास एक सुनिश्चित अनुभूति है कि तुम हो। और निस्संदेह तुम उस सुनिश्चित अनुभूति के प्रति सचेत भी हो। यह दोनों बातें पर्याप्त हैं। इसीलिए योगियों के पास कोई प्रयोगशालाएं नहीं थीं, कोई परिष्कृत उपकरण भी नहीं थे और उन्हें कोई राकफेलर या फोर्ड से मिलने वाले किसी अनुदान की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्हें थोड़े से 'भोजन और पानी की आवश्यकता होती थी, और इसी के लिए वे शहर में भिक्षा मांगने के लिए आते थे, और फिर कई कई दिनों के लिए अंतर्धान हो जाते थे एक या दो सप्ताह के बाद वे फिर भिक्षा मांगने के लिए आते, और फिर अंतर्धान हो जाते।