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सकता है, लेकिन इससे तुम धार्मिक नहीं बन जाओगे। समाज ने व्यक्ति के साथ कुशल चालाकियां चली हैं। फिर तुम अच्छे काम किए चले जा सकते हो, किए चले जा सकते हो, क्योंकि तुम बुरा कर नहीं सकते हो, यह एक 'आदत ही बन जाती है। लेकिन आदत आदत है, आदत में कोई सच्चाई नहीं होती है। जीवन में जागरूकता चाहिए।
और कई बार ऐसा होता है कि परिस्थिति हमेशा वही की वही नहीं होती है, परिस्थिति बदल जाती है, आदतवश वैसे ही किए चले जाते हैं -हम परिस्थिति की ओर ध्यान दिए बिना बस आदतवश किए चले जाते हैं। कई बार कोई बात परिस्थिति विशेष में खराब होती है, और वही बात किन्हीं अन्य परिस्थितियों में ठीक होती है। किसी परिस्थिति में कोई प्रत्युत्तर पुण्यकारी होता है, किसी दूसरी परिस्थिति में वही प्रत्युत्तर पाप बन सकता है। लेकिन अगर हम आदतो के गुलाम हो जाएं, तो रोबोट की भाति, स्वचालित यंत्र की भांति व्यवहार करने लगते हैं।
मैं तुम से एक कथा कहना चाहंगा, जो मेरी प्रिय कथाओं में से एक है।
मिस्टर गिन्सबर्ग मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे। और स्वर्ग में लोगों का विवरण लिखने वाले स्वर्गदूत ने उनका बड़ी प्रसन्नता से स्वागत किया।
'गिन्सबर्ग, तुम आदमी इतने भले हो कि हम सब तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। कृपया आप अपना लेखा -जोखा तो देख लें'-और लेखा रखने वाले स्वर्गदूत ने अपना लंबा -चौड़ा खाता खोलकर गिन्सबर्ग के सामने रख दिया और एक के बाद एक पृष्ठ दिखाता चला गया- 'जरा इधर तो देखो. अच्छा काम, अच्छा काम, अच्छा काम, अच्छा काम। गिन्सबर्ग, आप तो अच्छे कामों के बोझ के तले दबे हए
लेकिन जैसे -जैसे स्वर्गदूत पृष्ठ पलटता गया, वह गंभीर होने लगा और उसके चेहरे पर चिंता छाने लगी। अंतत: स्वर्गदूत खाता बंद करके बोला, 'गिन्सबर्ग, हम बड़ी मुश्किल में पड़ गए हैं।' 'क्यों?' गिन्सबर्ग ने चौंकते हुए पूछा।
'मैंने तो इस बात पर पहले ध्यान ही नहीं दिया लेकिन अब देखता हूं कि आपके खाते में तो केवल अच्छे ही अच्छे काम दर्ज हैं। एक भी पाप का कहीं नामो -निशान तक नहीं है।'
गिन्सबर्ग ने पूछा, 'लेकिन क्या यही लक्ष्य तो नहीं था?'
विवरण लिखने वाले स्वर्गदूत ने कहा, 'बोलने की दृष्टि से यही ठीक है। लेकिन व्यावहारिक जीवन में हम हमेशा कोई न कोई पाप करते ही हैं। वह देखो उधर जो आदमी है -अच्छा आदमी है। उसने केवल एक पाप किया है, लेकिन फिर भी वह सच में अच्छा आदमी था। अब अगर आपने एक भी पाप नहीं किया है, तो इससे स्वर्ग के लोगों में ईर्ष्या पैदा हो जाएगी, लोग मन ही मन आप से जलने