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और जीवन का मतलब ही जोखिम है, क्योंकि जीवन एक जीवंत घटना है; जीवन कोई मृत वस्तु नहीं है। केवल कब्र में ही किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता है। मृत्यु के पश्चात, कहीं कोई खतरा नहीं बचता है।
लाओत्सु के किसी शिष्य ने लाओत्सु से पूछा, 'क्या जीवन में सुख –चैन और आराम से जीना संभव नहीं है?'
लाओत्सु ने कहा, ' थोड़ा ठहरो। जब तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी, तो कब में तुम सदा -सदा के लिए, अनंतकाल तक सुख –चैन- आराम से रह सकोगे।'
इसलिए जीवन को व्यर्थ मत गवांओ, क्योंकि मृत्यु तो होने ही वाली है। जीवन के जो कुछ क्षण मिले हैं इन्हें जी लो। और जीने का दूसरा कोई उपाय नहीं है : जीने का मतलब ही है खतरे में जीना, जोखिम में जीना। जीवन में खतरा तो सदा मौजूद ही रहता है। और खतरा तो होना ही है, क्योंकि जीवन एक प्रवाह है। इस प्रवाह में तुम कहीं भी जा सकते हो।
मैंने एक ऐसे आदमी के बारे में सुना है जो निर्णय लेने में हमेशा भयभीत रहता था, डरता था। लेकिन
आखिरकार व्यक्ति को निर्णय तो लेना ही पड़ता है, इसलिए उसे निर्णय तो लेना ही पड़ता था। और वह जो भी निर्णय लेता था हमेशा गलत ही होता था, और यह उसके जीवन का अंग बन चुकी थी। और वह स्वयं भी जानता था कि वह जो भी निर्णय लेगा वह गलत ही होगा। अगर वह व्यापार करेगा तो उसमें उसे लाभ न होगा, जिस ट्रेन से वह जाने की सोचेगा, वह चूक जाएगी; जिस स्त्री से वह विवाह करने की सोचेगा वह किसी और से प्रेम करने लगेगी; इस तरह वह हमेशा चूकता ही रहा था।
एक दिन उसे व्यापार के काम से दूसरे शहर जाना था, और उसके शहर से एक ही हवाई-कंपनी का केवल एक ही विमान उपलब्ध था-अत: उसके निर्णय लेने का कोई प्रश्न ही न था। क्योंकि निर्णय लेने की कोई झंझट न थी इसलिए वह बहुत खुश था, क्योंकि दूसरा कोई विकल्प भी न था। उसे वही विमान पकड़ना था। लेकिन जैसे ही हवाई जहाज उड़ा और थोड़ी देर बाद बीच में ही इंजन बंद हो
गया।
वह आदमी तो बड़ा घबड़ा गया; घबड़ाकर वह बोला, 'हे परमात्मा! इस बार तो मैंने कोई निर्णय नहीं लिया था। मेरे सामने कोई और विकल्प ही न था। अब तो यह बात सीमा के बाहर हुई जा रही है। अगर मेरे और मेरे निर्णय के साथ कुछ गलत हो जाए तो ठीक भी है, लेकिन इस बार तो मैंने कोई निर्णय लिया ही नहीं था। आपने ही निर्णय लिया था।'
वह आदमी सेंट फ्रांसिस का अनुयायी था, इसलिए वह पुकारने लगा, 'ओं सेंट फ्रांसिस, मुझे बचाओ! कम से कम इस बार तो बचाओ। मैंने आज तक आप से कभी किसी तरह की कोई मदद नहीं मांगी,