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प्रवचन 44 पहेली बुद्धत्व में छलांग की
प्रश्न सार:
1- बुद्धत्व यदि ऊर्ध्वगमन है, तो नीचे से ऊपर छलांग कैसे संभव है?
2 – अचानक घटित होने वाले बुद्धत्व के लिए शिष्य को गुरु के पास वर्षों वर्षों तक क्यों रहना पड़ता
है?
3- बीज छलांग लगाकर कर फूल नहीं बन सकता, तो व्यक्ति एक छलांग में 'बुद्ध
सकता है?
4- पतंजलि, लाओत्सु और रजनीश के उपदेशों का हम श्रोताओं से कैसा संबंध है?
5- यदि हम सभी बुद्ध है, तो हम अज्ञान और मुर्च्छा में क्यों गिरे जाते है?
6-मादक द्रव्यों से क्या कोई भीतर छलांग लगा सकता है?
7- आप क्रमिक मार्ग से संबुद्ध हुए अथवा छलांग से?
कैसे बन
8 – तत्काल बुद्धत्व और अप्रयास में विश्राम की आपकी बातें मुझे पागल बना रही है।
9- क्या यह मेरी कल्पना हो सकती है कि मुझे परम अनुभूति घटित हो चुकी है?