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मुक्त होने की कोशिश मत करो, क्योंकि वह भी सूक्ष्म अहंकार तो सकता है। अहंकार से मुक्त होने की कोशिश करो-क्योंकि मुक्ति भी अहंकार के लिए बहाना हो सकती है, इस तरह तुम कभी मुक्त नहीं हो सकते क्योंकि अहंकार ही बंधन है। तुम्हारी मुक्ति नहीं हो सकती, मुक्ति केवल तभी होगी जब तुम न रहो। 'मैं' की इस अनुभूति को तिरोहित होने दो, और तुम्हें कुछ और करने की जरूरत नहीं है। बस 'मैं' को जाने दो। क्योंकि वह इतनी झूठी बात है कि उसे निरंतर सम्हालना पड़ता है, केवल तभी वह बनी रह सकती है। तुम्हें उसके साथ सहयोग करना पड़ता है प्रतिपल। यह ऐसा ही है जैसे कोई साइकिल सवार साइकिल के पैडल चलाता रहता है : यदि वह रुक जाए, तो साइकिल रुक जाएगी। साइकिल के चलने के लिए पैडल का निरंतर चलते रहना जरूरी है। अहंकार को निरंतर सहयोग चाहिए। तुम्हें उसके विरुद्ध कुछ करने की जरूरत नहीं, तुम तो बस सजग हो जाओ और सहयोग मत करो। सजग रहो, देखते रहो कि अहंकार कैसे खेल खेलता है, उसके रंग-ढंग कितने सूक्ष्म हैं। बस देखो, सहयोग मत करो-उतना पर्याप्त है। अहंकार बिना भोजन के मर जाता है; साइकिल रुक जाती है। तुम्हारे पैडल चलाए बिना वह चल नहीं सकती।
जब तुम मेरे पास आते हो और पूछते हो कि अहंकार को कैसे रोकें, तो तुम उस साइकिल सवार की तरह हो जो पैडल भी मारता जाता है और सड़क पर चिल्लाता भी जाता है और पूछता भी जाता है, 'कैसे रोकु कैसे रोकू!' और पैडल भी मारता जाता है। पैडल मत चलाओ। साइकिल अपने आप नहीं चल सकती; तुम्हारी मदद जरूरी है।
तुम्हारी पीड़ा मिटती नहीं, क्योंकि तुम उसे बने रहने में मदद देते हो। तुम्हारा दुख मिटता नहीं, क्योंकि तुम उसे सहारा देते हो; तुम उसे पोषित करते हो। तुम्हारा नरक मिटता नहीं तुम्हारे सहयोग के कारण। जब तुम इसे समझ लेते हो, तो सहयोग समाप्त हो जाता है; फिर तुम हिस्सा नहीं रहते उस सारे पीड़ा भरे खेल का; तुम एक तरफ खड़े हो जाते हो और देखते हो। अचानक विस्फोट होता है-कोई अहंकार नहीं बचता, कोई साइकिल नहीं बचती, कोई पैडल नहीं बचता। यही वह घड़ी होती है जब सेतु का अतिक्रमण हो जाता है।
दूसरा प्रश्न :
कभी आप कहते हैं कि गुरु और शिष्य के लिए दो प्रेमियों के लिए अंतस से अंतस का मिलन संभव है और कभी आप कहते हैं कि हम एकदम अकेले हैं और किसी के भी साथ होना असंभव है। क्या दूसरे से मिलन की आकांक्षा-अंतस से अंतस के मिलन की आकांक्षा भी-मन की एक इच्छा है एक कल्पना है जिसे गिरा देना है? यदि संभव हो तो कृपया समझाएं।