________________
(ण) देखा तो आप वमन किए हुए लेटी थी। फिर नाक व मुंह से खून निकलने लगा इस स्थिति से घबराकर भावकों को सूचना दी गई। उन्होंने गत मे १२ बजे डा० को चुलवाया। लेकिन डा० साहन असफल रहे क्योंकि आपको हेम्रज हो गया था । आशा निराशा में परिणत होने पर पू० सुरेन्द्रप्रीजी म. सा० घ पू० विनीतामोजी म सा ने संथारा भवचरिम प्रत्याख्यान करा दिए और नयकार मंत्र सुनाते रहे। नवकार मंत्र सुनते-सुनते
आपने ३.५ मिनट पर समाधि पूर्वक नश्वर देह त्याग दी पण्डित मग्न हा। रेल दादावाडी के पास सार कृष्ण द्वितीया ता. २७-४-७५ रविवार को इस नश्वर देह को चन्दन की चिता में रखा गया व दाह संस्कार किया।
मममय हो यह त्याग, नप व साधना की भव्य आत्मा इस लोक से विदा लेकर अदृश्य लोक में प्रविष्ट हो गई। लेकिन उनको सुरभि वर्मा तक जन शासन को सुरमित करती रहेगी।
-~पद्मयशाश्री ----पूर्णयमापी