________________
( ५ )
पांच घडिमां दरेक पीए घडीए एकेक तत्व अनुक्रमवार बदलाय छे.
दिवस अने रात्रिमा बार फेरफार थाय छे.
वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर अने मीन भा राशिमोमा चंद्रस्वर चाले के, एटले दावी नाही चाले छे.
मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धन अने कुंभ आ राशिभोमा सूर्यस्वर . चाले छे. एटले डाबी नाडी चाले छे.
आ उपरथी शुभ अशुभ फळनो निश्चय करी शकाय छे..
सूर्यन स्थान पूर्व अने उत्ता दिशा छ; अने चंदन स्थान पश्चिम अने दक्षिण दिशा छे. माटे डाबी नाडी एटले चंद्र स्वर चालतो होय त्यारे कोइए पूर्व के उत्तर दिशामा मुसाफरी करवी नहि.
पोतान कल्याण इच्छनारा सुज्ञ पुरुषोए उपर जणाव्या प्रमाणे मु. * साफरी करवी नहि. कारण के सेम करवाथी को तो दुःख के को तो
मरण निपजे छे. __ज्यारे शुक्ल पक्षमा चंद्र स्वर वहेतो होय त्यारे ते माणसने ते लाभदायी गगाय के. नम्र कार्यामां ते माणसने ज्या त्या सिद्धि मळे छे.
ज्यारे सूर्य नाही चालवी जोइए त्यारे चंद्र नाडी चाले अथवा तो चंद्र नाडी चालची जोइए त्यारे सूर्य नाडी चाले तो कलह कंकाश उत्पन्न थाय छे अने भय जागृत थाय छे भने सघळु शुभ काम नाश पामे छे.
___ ज्यारे सवारमा स्वर विपरित चाले एटले सूर्य स्वरने बदले चंद्र स्वर अने चंद्र स्वरने बदले सूर्य स्वर चाले त्यारे प्रथम दिवसे मना गभराट थाय छे, बोजे दिवसे धननुं नुकशान थाय छे, श्रीजे दिवसे मु. साफरी करवी पडे छे, चोये दिवसे इष्ट वस्तुनो विनाश थाय छे, पांचमे दिवसे कीर्ति के पदवीनी हानि थाय छे, छठे दिवसे सर्व वस्तुओनो
नाश थाय. छे, सातमे दिवसे रोग अने दुःख थाय छे अने आठमे दिवो. . मरण थाय छे..
Scanned by CamScanner