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(३४) तो तेओ पक्षपाती गणाय. अने जो देवो पक्षपाती होय तो जगतमा न्याय क्यों रहो ?
आ शंका वाजबी छे, पण ते गेरसमजथी उठेली. छे. नीचेमो खुलासो पांचयाथी ते शंका जरूर दूर थइ जशे. देवो मदद करे छे ए बात तो सत्य जछे, पण जेओ से सपने लायक होय अथवा पोतानां पूर्वकनेनि लीधे तेमनी मदद भेळधवाने जेओ योग्य होय तेमने जरुर तेओ मदद करे छे. तमे जो सारा कामो को होय छे तो देवो तमने सहाय आपेठे. आ भवनां पण जो तमे सारा कामो करो, तो तेना बदलारुपे देवो जरुर तमने मदद आपशे. जे मनुष्य जेटलाने लायक होय छे, तेटलुं तेने तेओ आपे छे. तमारे वधारे जोइतुं होय तो वधारे भेळववागे लायक बनो. एक अंग्रेजी कहेवत जणावे छे के "कोइ पण वस्तुनी इच्छा करो, ते पहेलो ते मेळववाने लायक बनो.” * मात्र पूर्व भवना ज सारी कृत्यथी देवोन ध्यान तमारा तरफ खेचाय छ, एम नथी; पण हाल पण जो तमे सारा कृस्यो करता रहो, अधवा तो देवोनी प्रार्थना के बंदगी करो अने तेमनापर संपूर्ण श्रद्धा राखो तो जरुर तमारी प्रार्थनाथी तेओर्नु ध्यान तमारा तरफ खेंचाशे, अने तमने योग्य मदद मळशे. तमारा प्रार्थना तमारा कर्माने तोडी नाखे छे, अने देवो तमने सहायभूत थाय छे. जो तमा 'कर्म' बहु जोरावर होय तो विशेष प्रार्थनानी जरूर पडे छे. देवोने कोइ उपर पक्षपात नथी. पण तेओ तो कर्मना महान् नियमोने अमलमा मूकनार दिव्य शक्तिओ छे. * *
बीजी शंका ए उभी थाय छे के जो देवो मदद करता होय तो शा सारुं तेओ आपणी नजरे पडता नथी ? माटे देवो छ ज नहि.
* Deserve before you desire.
** बधा मनुष्योए वोनी मदद इच्छवी जोइए एम पण काइ । नथी, जेओ महात्माओ छे तेओ पोताना आत्मोत्क्रान्तिना काममा आगळ वध्या करवामां ज सर्व लक्ष आपीने संतोष माने छे. त्हेमनी मददमा' नहि पण रहेमनी सेवामां' देवो हरेश तैयार रहे छे. देवोनी बाबतमा
र शक लइ जवा पहेलां घणी बाबतो लक्षमा लेवानी छे. सर्व देवा एक सरखा नथी होता, हेमां अनेक 'इड' अथवा वर्ग छे. अने हेमना ज्ञान-शक्ति पण एक सरखां नथी होतां, एटलुं याद राखवाथी केटलीक शंकाओ दुर थशे.
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