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( १६ ) पृथ्वी तत्व पीळा रंगनुं होय छे, तेनी गति धीमी होय छे, ते ववमां वहे छे, अने छेक 'स्टेर्नम ना छेडा सुधी पहेचि छे, तेनो भवाज भारे होय छे, अने ते थोडं गरम होय छे. ते लांबा काळ सुधी टकी शके सेवा काममा विजय आपे छे.
जळ तत्व धोळा रंगनुं होय छे, तेनी गति उतावळी होय छे, नीचे वहे छे, ते सोळ आंगळ नीचे छेक नाभि ( हुंटी) सुधी वहे छे, तेनो अवाज भारे होय छे, भने ते ठंड होय छे. ते मंगळकारी कार्यामां विजय अर्पे छे.
तेजस्तत्व (अतित्व ) राता रंगनुं होय छे, ते उंचे वहे छे, ते चक्राकारे वहे छे, हडपवीथी मीचे चार आंगळ सुधी ते वहे छे, अने ते बहुज गरम होय छे. ते सख्त कार्योते जे कार्योमा जुस्सो प्रधान पद भोगबतों होय तेवां कामोने-जन्म आपे छे.
वायु तत्व आकाश जेवा भूरा रंगनुं होय छे, ते काटखुणे बहे छे. से गरम पण होय अने हुं पग होय. ते क्षत्रिक कार्योर्मा विजय आपे छे. । आकाश तत्व ए सघळा तत्वोनी सामान्य सपाटी रूप छे. सघळ तनुं प्रतिबिंब तेमां पडे छे. ते योगीने योग साधवामां मददगार थाय छे.
पृथ्वी तत्व पीळा रंगनुं, चोरस आकारनु, मीठा स्वादनुं, मध्यम बहेतुं, अने सुखने आपनाएं होय छे; अने ते बार आगळ मीचे बहे छे.
जळ तत्व धोळा रंगनुं, अर्ध चंद्राकारनुं, कटु स्वादनुं, नीचे बहेतुं अने लाभने आपनारुं होय छे; अने ते सोळ आंगळ वहे छे.
वायु तत्व भूरा रंगनुं, गोळाकारनु, आम्ल (खाटा ) स्वादनु काटणे वहेतुं, मुसाफरीने सुचवतुं होय छे ते आठ आंगळ वह छे.
सघळा रंगोना प्रतिबिम्ब रूप, कानना आकारनुं, कडवा स्वादनुं, सर्व स्थळे वहेतुं, मोक्षने आपना आकाश तत्व छे, पण भा तत्व सघळ सांसारिक कामोने वास्ते तद्दन निरुपयोगी है.
पृथ्वी अने-जळ तत्व मंगळकारी छे, तेजस्तत्वनुं फळ मध्यमसरनुं आवे छे. आकाश अने वायु अमंगलकारी के अने नुकशान के मरण करावे
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