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शिक्षाप्रद कहानिया
89 परिवार रहता है। लेकिन इस समय उनका जीवन नरक बन गया है। मैंने जिज्ञासावश पूछा कि वो कैसे? तो उन्होंने बताया कि उनके एक ही लड़का है कोई- 16-17 वर्ष का। इकलौता लड़का होने के कारण माता-पिता उससे खूब लाड-प्यार करते हैं तथा उसकी प्रत्येक इच्छा को भी पूरी करने का भरसक प्रयत्न करते हैं। इस कारण वह लड़का जिद्दी हो गया है। उचित-अनुचित सभी बातें मनवाने की जिद्द करता है। इस कार्य में उसकी माँ भी कुछ ज्यादा ही समर्थन करती है। इसको माँ की ममता कहो या उनका भी कुछ जिद्दी स्वभाव।
अभी कुछ दिन पहले लड़का कहने लगा- मुझे मोटर साईकल चाहिए वह भी बजाज कम्पनी की 'पलसर'। पिता ने यह बात सुनी तो वे कहने लगे देख बेटा! पहली बात तो यह है कि अभी तेरे पास न तो ड्राइविंग लाईसेंस है और न ही भारत सरकार के नियमानुसार तू अभी लाईसेंस बनवा सकता है। इसलिए अभी तू कुछ दिन और इन्तजार कर ले।
लेकिन लड़का अड़ गया नहीं मुझे तो अभी चाहिए तर्क दे दिया कि मेरे सभी दोस्तों के पास भी तो है। मुझे शर्म आती है उनके साथ चलने में। और मैं चला भी तो लेता हूँ। रही लाईसेंस की बात तो वो सब तो चलता है। सौ-पचास दे दो तो कोई नहीं रोकता।
यह सुनकर पिता ने कहा कि- 'देख बेटा हमारे पास कार है, ड्राइवर है तू एक काम कर जब भी तुझे जरूरत हो ड्राइवर को बोल दिया कर वह तुम्हें ले जाया करेगा। ये सब बातें लड़के की माँ भी सुन रही थी वह अपनी तुनक मिजाजी दिखाते हुए बोली- 'आप भी पक्के लालची हो क्या करोगे इस धन का? जब बच्चों के ही काम नहीं आया तो हमारे किस काम का है यह धन? दुनिया को देखो वे क्या-क्या नहीं करते अपने बच्चों के लिए और एक आप हो कि बच्चे को मोटर साईकल तक नहीं ले के दे सकते। और भी कई उदाहरण उसने आस-पड़ोस के दे दिए कि अमुक ने बेटे के लिए यह किया, अमुक ने वो किया इत्यादि।'