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शिक्षाप्रद कहानियां समय जब वे दोनों सोने की तैयारी कर रहे थे तो चार चोरों ने उनके घर में घुसने के लिए दीवार तोड़नी शुरु की। तभी पत्नी ने पति से कहाचोर दीवार तोड़कर घर में घुसने का प्रयत्न कर रहे हैं, आप जल्दी से कोई उपाय करो, वरना वे अंदर आ जाएंगे। पति ने कहा- रुको, मुझे कुछ सोचने दो। पत्नी ने कहा- जब तक आप सोचेंगे तब तक तो वे अंदर घुस आएंगे। पति ने कहा- अच्छा ऐसा करो, मुझे सब्जी काटने वाला चाकू दे दो। पत्नी ने चाकू दे दिया और पति उस दीवार के पीछे छुपकर खड़ा हो गया जिस दीवार को चोर तोड़ रहे थे।
जैसे ही पहले चोर ने दीवार के टूटे हुए भाग में से सिर अंदर दिया तो सेठने चाकू से उस चोर की नाक काट दी। नाक कटते ही चोर ने अपने नाक पर हाथ रखकर अपना सिर बाहर निकाला और बोला छी-छी! अंदर तो बहुत बदबू आ रही है। दूसरा चोर तुरंत बोला- हट पीछे इतने मालदार घर में से तुझे बदबू आ रही है, मैं घुसता हूँ। जैसे ही चोर ने सिर अंदर किया तो सेठ ने उसका भी नाक काट दिया। चोर ने तुरंत अपने नाक वाले हिस्से पर हाथ रखा और सिर को बाहर निकाला और बोला- हाँ भाई, अंदर तो बहुत बदबू आ रही है अब तीसरे चोर ने अपना सिर अंदर किया तो सेठने उसका भी नाक काट दिया और उसने भी वही कहा जो पहले वाले दोनों चोरों ने कहा था ।
अब चौथा चोर जोश में आकर कहने लगा कि तुम तीनों मूर्ख हो अंदर इतना माल भरा हुआ है और तुम कहते हो कि बदबू आ रही है, हटो पीछे, मैं जाता हूँ, और जैसे ही उसने अपना सिर अंदर किया उन्होंने उसकी भी नाक काट दी। उसने तुरंत अपना सिर बाहर निकाला और बोला ? तुमने यह बात पहले क्यों नहीं बताई ? पहला चोर बोलाअगर मैं बताता तो तुम तीनों मुझे जिंदगी भर नक्कटा कहते। यही बात दूसरे ने तथा तीसरे ने भी कही।
७५. बुद्धि का कमाल
बहुत समय पहले की बात है। किसी गांव में एक सेठ और सेठानी रात को अपने घर में सो रहे थे। तभी सेठानी को कुछ खटपट